2251
न ज़ाने क़ौनसा अमृत पीक़े,
पैदा हुई हैं ये "मोहब्बत".....??
मर ग़ए क़ितने हीर और रांझे,
मग़र आज़ तक़ ज़िन्दा हैं ये "मोहब्बत"...
2252
भीगी मिट्टीकी महक,
प्यास बढ़ा देती हैं,
दर्द बरसातकी बूँदोंमें,
बसा करता हैं l
मरग़ूब अली
2253
गलतफहमीका एक पल इतना,
जहरीला होता हैं...
जो प्यार भरे सौ लम्होंको...
एक पलमें भुला देता हैं......
2254
रिश्ते बनानेके लिए...
बस एक पल चाहिए...
पर उसे निभानेके लिए...
एक खुबसूरत दिल चाहिए !!!
2255
बन्दा खुदकी नज़रमें,
सही होना चाहिए...
दुनियाँ तो,
भगवानसे भी दुखी हैं ...
No comments:
Post a Comment