8 April 2019

4096 - 4100 दुनिया पल सबर साँस वक्त ख्वाहिश जिंदगी दिल खुशियाँ ख्वाहिशों तोहफा शायरी


4096
सब कुछ मिला हैं हमको,
फिर भी सबर नहीं हैं...
बरसोंकी सोचते हैं,
पलकी ख़बर नहीं हैं.......

4097

एक साँस सबके हिस्सेसे,
हर पल घट जाती हैं l
कोई जी लेता हैं जिंदगी,
किसीकी कट जाती हैं ।।

4098
पल पल तरसते थे जिस पलके लिए,
वो पल भी आया एक पलके लिए...
सोचा था उस पलको रोक लूँ हर पलके लिए,
पर वो पल ना रुका एक पलके लिए ll

4099
दुनियाका सबसे अच्छा तोहफावक्त” हैं ,
क्योंकी, जब आप किसीको अपना वक्त देतें हैं l
तो आप उसे अपनीजिंदगीका वह पल देतें हैं,
जो कभी लौटकर नहीं आता ll

4100
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो,
जीनेका सहारा बनती हैं 
ख्वाहिशोंका क्या वो तो,
पल पल बदलती हैं ।।

4091 - 4095 जिन्दगी अनकहे अनसुने आदत आशियाँ मौजुद दूरियाँ साथ मौत पल शायरी


4091
एक थमा हुआ हैं पल शायद,
कुछ अनकहे अनसुने जजबातोके लिए;
पलभरमें ही जी लेंगे वो पल,
शायद कुछ खास वादोके लिए...।

4092
हस्ती मिट जाती हैं, आशियाँ बनानेमें,
बहुत मुस्किल होती हैं अपनोको समझानेमें...
एक पलमें किसीको भुला ना देना,
जिन्दगी लग जाती हैं किसीको अपना बनानेमें...

4093
आदतसी हो गयी तुम्हारी,
नामौजुदगीकी... काश;
वो पल भेंट करू जिन्दगीको,
जो साथ बितांये थे.......!

4094
यूँ तो तेरे मेरे दरमियान हैं,
मीलोंकी दूरियाँ...
पर ऐसा कोई पल नहीं,
जिस पलमें तू मेरे साथ नहीं...!

4095
जिन्दगीको ज़िन्दगीभर,
मनाते रहे हम...
मौत आई और एक पलमें,
मना कर ले गई.......!

7 April 2019

4086 - 4090 मोहब्बत इश्क़ होठ वक़्त याद ख़याल तस्वीर इश्क़ हिसाब जिन्दगी पल शायरी


4086
खुबसूरतसा,
वो पल था;
पर क्या करें,
वो कल था...

4087
तकियेके नीचे दबाकर रखें हैं,
तुम्हारे ख़याल, एक तस्वीर,
बेपनाह इश्क़ और...
बहुत सारे पल.......!

4088
मेरे हिस्सेकी मोहब्बतका,
आज तू हिसाब कर दे...                              
दे दे कुछ पल जिंदगीके और,
मेरी जिंदगी लाजवाब कर दे...!

4089
हर पल हँसकर जिया करते है,
हर बात आपसे किया करते है,
खास हो हमारे लिए आप इसलिए,
हर पल आप ही को याद किया करते है

4090
रहकर उनसे दूर,
कुछ यूँ, वक़्त गुजारा मैंने;
ना होठ हिले... फिर भी,
उन्हे हर पल पुकारा मैंने...

5 April 2019

4081 - 4085 ज़िन्दगी आसान मज़बूत बेशक कुबूल कोशिश बेहतर वक़्त गुनाह माफ़ी शायरी


4081
कुछ इस तरह मैंने,
अपनी ज़िन्दगीको आसान कर दिया...
किसीसे माफ़ी मांग ली और,
किसीको माफ़ कर दिया.......!

4082
माफ़ी वही दे सकता हैं,
जो अंदरसे मज़बूत हो;
खोखले इंसान सिर्फ बदलेकी आगमें,
जलते रहते हैं...

4083
छलमें बेशक बल हैं,
माफ़ी आज भी हल हैं.......!

4084
जब भी जिंदगी रुलाये,
समझना गुनाह माफ़ हो गये...
और जब भी जिंदगी हँसाये,
समझना दुआ कुबूल हो गयी...!

4085
तुझको बेहतर बनानेकी कोशिशमें,
तुझे वक़्त ही नहीं दे पा रहे हम;
माफ़ करना ज़िंदगी,
तुझे जी नहीं पा रहे हम.......!

4 April 2019

4076 - 4080 ख़ुदगर्ज़ तलब शिद्दत प्यास लफ्ज मसरूफ़ याद मुद्दत बिखर शिद्दत शायरी


4076
ख़ुदगर्ज़ बना देती हैं,
तलबकी शिद्दत भी;
प्यासेको कोई दूसरा,
प्यासा नहीं लगता...

4077
सारे मसरूफ़ हैं यहाँ,
दूसरोंकी कहानियाँ जाननेमें...
इतनी शिद्दतसे ख़ुदको,
अगर पढ़ते, तो ख़ुद़ा हो जाते...!

4078
मेरे लफ्जोको,
इतनी शिद्दतसे ना पढा करो;
कुछ याद रह गया तो,
हमे भूल नही पाओगे...!

4079
टूटकर बिखरना भी हमारा,
बहुत लाजमी था... 
शिद्दतसे दिल तोड़ा उसने,
शिद्दतसे चाहनेके बाद...

4080
जिसे शिद्दतसे चाहो,
वो मुद्दतसे मिलता हैं...
बस मुद्दतसे ही नहीं मिला,
कोई शिद्दतसे चाहने वाला...

3 April 2019

4071 - 4075 प्यार मोहब्बत नफरत ज़ख़्म ग़म मलाल बेवकूफ शिद्दत शायरी


4071
आप तो नफरत भी ना,
निभा पायेंगे मुझसे...
जितनी शिद्दतसे,
आपका प्यार निभाया हैं मैंने...!

4072
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो,
दर्दकी शिद्दत तुम,
दर्द तो दर्द होता हैं...
थोड़ा क्या और ज्यादा क्या...

4073
रहे कुछ मलाल,
बड़ी शिद्दतसे कीजिये...
नफरत भी कीजिये तो,
ज़रा मोहब्बतसे कीजिये...!

4074
क्यों आज ग़मोंको,
बेवकूफ बनाया जाये...
दर्द कितना भी हो,
शिद्दतसे मुस्कुराया जाये...!

4075
हो शिद्दतसे मोहब्बत,
तो बहाना क्या...
करनी हो अम्ल--मोहब्बत,
तो पास के लौटना क्या...?

4066 - 4070 दिल इश्क बाते कशिश शिद्दत याद महक फिजा मुद्दतें ख्वाब बारिश मौसम शायरी


4066
भिगे भिगे मौसमकी,
भीगी भीगी बाते...
ना तुम सामने आते...
ना दिलसे जाते...!

4067
इस बारिशके मौसममें,
अजीबसी कशिश हैं...
चाहते हुए भी कोई,
शिद्दतसे याद आता हैं...!

4068
मौसम--इश्क हैं,
ये जरा खुश्क हो जायेगा।
उलझिये हमसे जनाब,
नहीं तो इश्क हो जायेगा।।

4069
वो बारिशके मौसममें,
मिट्टीकी जो महक आती हैं...
कुछ यूहीं ये फिजा हो जाती हैं,
जब वो मुस्कुराती हैं.......!

4070
मुद्दतें लगीं बुननेमें,
ख्वाबकी ऊनी;
तैयार हुआ तो,
मौसम बदल चुका था...

1 April 2019

4061 - 4065 दिल जिंदगी पतझड फर्क कुदरत हकीकत नज़र इंसानियात अजब मोहब्बत ऋत मौसम शायरी


4061
पतझड भी हिस्सा हैं,
जिंदगीके मौसमका...
फर्क सिर्फ इतना हैं,
कुदरतमें पत्ते सूखते हैं और...
हकीकतमें रिश्ते

4062
पतझड़में सिर्फ,
पत्ते गिरते हैं l
नज़रोंसे गिरनेका कोई,
मौसम नहीं होता ll

4063
कोई मुझसे पूछ बैठा,
'बदलना' किस को कहते हैं ?
सोचमें पड़ गया हूँ मिसाल किसकी दूँ ?
"मौसम" की "अपनों" की या "इंसानियातकी...

4064
मौसममें अजबसी,
खुमारी हब्बतकी...
ऋत  रही हैं....... छा रही हैं...!
सुना हैं कि मोहब्बतकी...
ऋत रही हैं.......!

4065
मुट्ठीभर बीज बिखेर दो,
दिलोंकी जमीनपर...
बारिशका मौसम हैं,
शायद अपनापन पनप जाए...!