6 November 2016

702 साथ बैठ दर्द खैरियत शायरी


702

Khairiyat, All is Well

कभी साथ बैठो तो कहूँ,
की क्या दर्द हैं मेरा...
तुम दूरसे पूछोगे तो,
खैरियत ही कहूँगा !

Sit for a while with me
So that I may express my Pain,
If you ask from a Distance
I will say All is Well !

701 सूख जिस्म झुक बोझ धोखा ठहर सजदे शायरी


701

Sajda, Immobilize

ये सारा जिस्म झुककर बोझसे दुहरा हुआ होगा,
मैं सजदेमें नहीं था आपको धोखा हुआ होगा,
यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ,
मुझे मालूम हैं पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा !

The whole bold would have folded in two by Leaning,
I was Immobilize You would have been mislead
Rivers gets dried up till the time they reach here
I know where the Water is Stuck up !!

5 November 2016

700 इंसानियत सीख भुलना भगवान भुत इंसान शायरी


700

Insaniyat, Humanity

भगवान हैं या नहीं पता नहीं,
भुत हैं या नही पता नहीं,
इंसान हैं तु ये ना भुलना कभी,
इंसानियत थोडी सीख तो सहीं...

Don't know whether God exists or not,
Don't know whether Devil exists or not,
Never forget you are a Human Being,
Learn some Humanity although...

699 हाथ रेखा जगह किस्मत दौर हुक्म सबक शायरी


699

Sabak, Lesson

जब जब जागा तब तब तुझेही देखा,
और तुने बनादी मेरे हाथोंकी रेखा,
जगह बदली तेरे हुक्मसे,
किस्मतका कहां माना,
और हर दौरमें नया सब सीखा ll

Whenever I woke up I saw you only
And you Created Line on my Palm,
Changed the place by your Order
Accepted as a Fate,
And Each round Learned a New Lesson.

698 परखता सबूत इंसान शायरी


698

Saboot, Evidence

मैं हर बार परखता हूँ की,
भगवान " हैं की नहीं ?
पर उसने एक बार भी सबूत नहीं मांगा,
की मैंइंसान " हूँ या नहीं ?

I always Ordeal,
Does " God " Exists or not ?
But he didn't asked for an Evidence
That Whether am  I " Human " Being or not ?

697 बेवक्त बेवज़ह दुश्मन हरा हार मुस्करा शायरी


697

Haar, Relinquish

हम बेवक्त बेवज़ह,
मुस्करा देते हैं...
कई दुश्मनोंको हम,
यूँ ही हरा देते हैं......
Unseasonably Thoughtlessly 
I smile,
To lot many Enemies
I Relinquish in this way...

696 उम्र कील तस्वीर तारीफ़ बोझ शायरी


696

Boz, Burden

उम्रभर उठाया,
बोझ उस कीलने...
और लोग तारीफ़,
तस्वीरकी करते रहें...

Raised for the Life
Burden by the Nail ...
And people Appreciated
The Photo frame ...

3 November 2016

695 दिल समझ नादान बरस दुवा शायरी


695

Duwai, Pray

कितना नादान हैं,
दिल समझता ही नहीं...
आज बरसो बाद भी उन्हें देखा,
तो दुवाएँ न्हीके लिये मांग बैठा...

How Mad is,
Heart doesn't Understand...
Today Seen her after Long Years,
I Prayed only for her, though...

694 गज़ल रूप गुनगुनाए ढल उदास लम्हें शायरी


694

Lamhe, Moments

गज़लके रूपमें,
काश मैं भी ढल जाऊ कभी...
उदास लम्होंमें शायद,
तु गुनगुनाए मुझे भी...

In the Form of Poem,
I wish I would sink in sometimes...
Perhaps in the Sad Moments,
You hum me too...

693 नायाबसा तराश हद गुज़र चमक हीरा शायरी


693

Hira, Diamond

नायाबसा हीरा बनाया हैं,
रबने हर किसीको...
पर चमकता वहीं हैं जो,
तराशनेकी हदसे गुज़रता हैं...!

Rare kind of Diamond is made
The God of Everyone...
But Glows the one
Which crosses the Limit of Cutting... !

691 संवर निखर शौक आईना शायरी


691

Aayina, Mirror

वैसे तो संवरनेका शौक,
हमे नहीं था मगर...
आप सामने बैठे,
आईना बनकर...
तो निखरतें गये हम......

That way I was not fond of
Beatify myself but...
You being in front of me,
Like a Mirror...
I am getting Sparkled.......

692 नायाबसा तराश हद गुज़र चमक हीरा शायरी


692

Wajah, Reason

सब सो गये ख़ुशी ख़ुशी,
अपना हाल-ए-दिल सुनाकर...
काश मेरा भी कोई अपना होता,
जो मुझसे मेरी जागनेकी वजह पूछता...

Everybody slept Happily
Telling their Story of Heart,
Someone would have been mine
Who would asked Reason of Being Awake...

2 November 2016

690 लहरे साहिल समन्दर सोच समझ बेवफा वफ़ा शायरी


690

Wafa, Faithfulness

 जाने क्या सोचकर,
लहरे साहिलसे टकराती हैं,
और फिर समन्दरमें लौट जाती हैं...
समझ नहीं आता के,
साहिलसे बेवफाई करती हैं,
या फिर लौटकर समन्दरसे,
वफ़ा निभाती हैं...

Who knows the Thinking of
Waves strikes the Shore
And Returns to Sea...
Do not Understand
Its Infidelity with Shore
Or on return Faithfulness
With the Sea...


688 जिंदगी गिनती शायर शायरी


688

Shayar, Poet

जिंदगीमें अगर,
तुम ना होते...
तो आज शायरोंकी गिनतीमें
हम ना होते...
In the Life if
You were not there...
In the count of Poets
I would not have been there...

689 आँख आँसू रोना खोना डर शायरी


689

Darr, Fear

काश तू मेरी आँखोंका,
आँसू बन जाये...
तो मैं रोना छोड़ दूँ,
तुझे खोनेके डरसे...

I wish You become
Tear of my Eyes...
I will stop Crying,
In the Fear of Loosing You...

687 खुश बगैर कागज़ कलम आँसू शायरी


687

Ansoo, Tear

लिखना तो ये था...
खुश हूँ तेरे बगैर भी,
पर कलमसे पहले...
आँसू कागज़पर गिर गया......

Wish to Write That...
I am Happy without You,
But before writting...
Tear fall on the Paper.......

686 दोस्ती भीड़ जमीन भूल दोस्त शायरी


686

Dost, Friends

खुदाने कहाँ दोस्ती ना कर,
दोस्तोंकी भीड़में तू खो जायेगा l
मैने कहाँ एक बार जमीनपर आकर,
मेरे दोस्तोंसे तो मिल...
तू ऊपर जाना भूल जाय गा...ll
God advised not to make Friendship,
You will be Lost in the Rush of Friends,
I said Once arrive on the Land,
See my Friends...
You will forget to return back.......

31 October 2016

685 मुस्कुरा नजर मोहब्बत जमाने आँख शायरी


685

Aankh, Sight

कभी इतना भी मत मुस्कुराना,
नजर लग जाए जमानेकी...
हर आँख मेरी तरह,
मोहब्बत भरी नहीं होती...!!!
Never Smile in such a Way
That it becomes Eye Catching for Society,
Not every Sight like me
Is Full of Affection...!!!

683 फासले ऐतराज़ भुला अंदाज़ शायरी


683

Andaz, Spirit

फासले और बनालो...
ऐतराज़ हमने कब किया,
तुम भी ना भुला सकोगे मुझको...
वो अंदाज़ हूँ मैं . . .
Make all the Distances...
I never took Objection,
You will never forget me...
I am that Spirit . . .

684 इंतज़ार यार दिये रात गली ख़बर शायरी


684

Khabar, News

इंतज़ार--यारकी,
यूँ हो गयी सबको ख़बर...
रातभर मेरी गलीके
सब दिये जलते हें......
Waitting for my Love
In the way News was Spread...
Whole night in the Lane
All Lights were Glowing.......