4 February 2017

925


तेरी हर याद से शुरु होती है
मेरी हर सुबह
फिर ये कैसे कह दुँ कि
मेरा दिन खराब है..!

924


उसकी याद में हम बरसों रोते रहे;
बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहे;
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिये;
धूल चेहरे पे थी और हम आईना साफ़ करते रहे...

923


कहीं दर्द की झीलें हैं,
तो कहीं यादों भरी करवटें,,,
उसे कहना मैं खुश तो हूँ,
मगर मेरा हर लफ़्ज रोता है.....!!

922


घोंसला बनाने मे हम
यूँ मशगूल हो गये !
उड़ने को पंख भी थे
ये हम भुल ही गये !!

921

लम्हों की एक कीताब है जिंदगी,
सासौं और ख्वाबों का हिसाब है जिंदगी,
कुछ जरुरते पुरी कुछ ख्वायीशे अधुरी
इन्ही सवालोंका जवाब है जिंदगी।

3 February 2017

920


इतनी रोशनी है
चेहरे में उसके,
मेरी आँखों के पतंगे
वहीं उड़ते मिलते हैं।

919


माँगना भूल जाऊँ तुम्हें
हर नमाज़ के बाद...,
इसलिये मैंने तुम्हारा नाम,
दुआ रख दिया !!!

918


किसने कहा तू मेरे दिल मैं
मेहमान बन के आया कर
ये तेरी सल्तनत है जब भी आया कर
सुलतान बन के आया कर…

917


ज़रुरत है मुझे कुछ
नए नफरत करने वालों की,
पुराने वाले तो अब
चाहने लगे हैं मुझे …

916


कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं ,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं ,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है , पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं |

2 February 2017

915


उन आँखों की झपकियों को भी ...
सौ दफा सलाम है ...
दिल ...
जिन आँखों की पलकों के नीचे ...
मेरी चाहत पनाह लेती है ...

914


अजब फलसफा है वक्त का
मोहब्बत के दौर मैं,
इंतजार मोहब्बत मैं वक्त कटता नही
दीदार मोहब्बत मैं वक्त थमता नही...

913


तू हकीकत-ए-इश्क है
या कोई फरेब..
ज़िन्दगी में आती नहीं, 
ख़्वाबों से जाती नहीं...

912


दिलों कि बात भले
करता हो जमाना,
मगर मोहब्बत आज भी
चेहरों से ही होती है...

911


ये वो दौर हैं कि पढ़ने वालें...
हर लफ़्ज़ को छू के देखते हैं...

31 December 2016

910 इनकार इक़रार शायरी


इनकार जैसी लज़्जत …
इक़रार में कहां ...
बढता है इश्क़ ...
उसकी ना-ना से . . .

909


उस को भी हम से मोहब्बत हो...
ज़रूरी तो नहीं,
इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो...
ज़रूरी तो नहीं !

908


ना कोई इजहार है,
ना कोई इकरार है,
फिर ना जाने क्यूं ये दिल,
इतना बेकरार है ... l

30 December 2016

907


फिर नहीं बसते वो दिल
जो एक बार टूट जाएं ...
क़ब्रें कितना ही संवारों
कोई जिन्दा नहीं होता।।

906


शौक ख़ुदकुशी है
ये भी यारों...
थक गए जो ज़िन्दगी से
वो मोहब्बत कर बैठे...!!