20 March 2017

1115 ज़िक्र सजदे झुक फर्क झुक शायरी


1115
तेरा हुआ ज़िक्र,
तो हम तेरे सजदेमें झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता हैं,
मंदिरमें झुक गये या मस्जिदमें झुक गये !!!

1114 ताबीज गले पहन आराम दीदार शायरी


1114
सारे ताबीज,
गलेमें पहनकर देख लिए...
आराम तो बस,
तेरे दीदारसे ही मिला . . . !!!

1113 इश्क़ औरका शायरी


1113
इश्क़ वो नहीं जो,
तुझे मेरा कर दे...
इश्क़ वो हैं जो,
तुझे किसी औरका ना होने दे !!!

1112 तीनका साँस जोड नजर इंतजlर जान शायरी


1112
तीनका तीनका साँसोको,
जोडते रहें हम,
नके इंतजlमें...
.......
न्होने एक नजरमें 
जान ही ले ली . . . !

1111 ख़ामोश बात अन्दाज़ नाराज़ शायरी


1111
तेरी हर बात,
"ख़ामोशी" से मान लेना,
यह भी अन्दाज़ हैं,
मेरी नाराज़गीका...!

19 March 2017

1110 तन्हा आँसू बहाने हुनर पास जज्बात दफन खातिर शायरी


1110
तन्हा आँसू बहानेका हुनर,
सबके पास नहीं होता l
जज्बात दफन करने पडते हैं,
किसी अपनेकी खातिर ।

1108 अल्फ़ाज़ कंकर फ़ेंक झील गहरी ख़ामोशी शायरी


1108
अल्फ़ाज़के कुछ तो,
कंकर फ़ेंको...
यहाँ झीलसी गहरी,
ख़ामोशी हैं....

1109 मुस्कुराहट झूठी यार इंसान देखना समझना सीख शायरी


1109
मुस्कुराहटें झूठी भी,
हुआ करती हैं यारों...
इंसानको देखना नहीं,
बस समझना सीखो...!!!

1107 सोच दोस्त मुक़दमा तारीख़ बहाने मुलाक़ात शायरी


1107
सोच रहा हूँ की,
कुछ दोस्तोंपर मुक़दमा कर हीं दूँ...!!
कमसे कम इसी बहाने,
हर तारीख़पर उनसे,
मुलाक़ात तो हो ही जाया करेगी...!!!

1106 शहर मजदूर दरबदर घर शायरी


1106
इस शहरमें मजदूर जैसा,
दरबदर कोई नहीं,
सैंकड़ों घर बना दिये,
पर उसका कोई घर नहीं...

18 March 2017

1105 हवा आजमा चिराग बुझा जला शायरी


1105
हवासे कह दो की,
खुदको आजमाके दिखाये;
बहुत चिराग बुझाती हैं,
एक जलाके दिखाये...

1104 ज़िंदगी नादान चुप दर्द सुबह शाम जमाने दास्तां नाम शायरी


1104
ज़िंदगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ...
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ...
कह दूँ जमानेसे दास्तां अपनी...
उसमें आयेगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ...!

1103 दुनियाँ अजीब दर्द आँख कायर बात शायर शायरी


1103
ये दुनियाँवाले भी बडे अजीब हैं...
दर्द आँखोसे निकले,
तो कायर कहते हैं...
और बातोंसे निकले,
तो शायर कहेते हैं......

1102 दुआएं दौलत और शोहरत साथ शायरी


1102
दुआएं जमा करनेमें लगा हूँ यारों...
..... सुना हैं…..
दौलत और शोहरत साथ नहीं जाते...

1101 दिल सोच हाल मुहब्बत डर शायरी


1101
सोचते हैं कह तो दें,
हाल-ए-दिल तुमसे,
पर डरते हैं कहीं फिरसे तुम्हें...
हमसे मुहब्बत हों जायें !

17 March 2017

1099 किस्मत लड़न मजा हार जीत शायरी


1099
किस्मतसे लड़नेमें
मजा आ रहा हैं दोस्तों !
ये मुझे जीतने नहीं दे रहीं,
और हार मैं मान नहीं रहा !

1100 जिंदगी खूबसूरत पल किस्सा हिस्सा टूट रिश्ता शायरी


1100
खूबसूरतसा एक पल किस्सा बन जाता हैं,
जाने कब कौन जिंदगीका हिस्सा बन जाता हैं l
कुछ लोग जिंदगीमें मिलते हैं ऐसे,
जिससे कभी ना टूटनेवाला रिश्ता बन जाता हैं ll

1097 जिंदगी याद शाम बात समा बाद रात तनहा साथ शायरी


1097
"शामके बाद मिलती हैं रात,
हर बातमें समाई हुई हैं तेरी याद...
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ ll"

1098 शाम चराग़ सजा इंतजार पलके ​हवा शमा शर्त शायरी


1098
हमने ये शाम चराग़ोंसे सजा रक्खी हैं;​​
आपके इंतजारमें पलके बिछा रखी हैं;
​हवा टकरा रहीं हैं शमासे बार-बार;​​
और हमने शर्त इन हवाओंसे लगा रक्खी हैं

1096 सच खुली किताब राज़ लहर नदी समन्दर प्यास शायरी


1096
कहनेको खुली किताब हूँ मैं  !
मगर सच कहूँ तो एक राज़ हूँ मैं,
सबको लगता हैं...
लहर हूँनदी हूँ,
या समन्दर हूँ मैं,
मगर सच कहूँ तो बस...
प्यास हूँ मैं ! ! !