24 April 2017

1247


कुछ खास नही
बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी …!

हर रात का आखरी खयाल और
हर सुबह की पहली सोच हो तुम …!!

1246


मैंने तुम्हारी मजबूरियां समझी
और तुम्हे जाने दिया,
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो

और वापस आ जाओ...

22 April 2017

1245


हमने तो इश्क के नशे में,
उनको खुदा बना डाला,

होश तो तब आया जब उन्होंने कहा,
कि खुदा किसी एक का नहीं होता…

1244


छुपे छुपे से रहते हैं,
कभी सरेआम नहीं हुआ करते;

कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते…

1243


देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,

फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं...!

1242


कुछ तो महक रहा था
फ़िज़ाओं में.... कल से,
हमें आज मालूम हूआ

के वो मेरे शहर आये थे...

1241


आँसू निकल पड़े ख्वाब में...
उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ...

इश्क़ सोते हुए भी रुलाता है !

21 April 2017

1240


जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी है मुटठी भर ज़मीन आपने,

आगे अभी सारा आसमान बाकी है !

1239


गम न हो वहां जहाँ हो फ़साना आपका,
खुशियाँ ढूढती रहें आशियाना आपका,
वो वक़्त ही न आये जब आप उदास हों,

ये दुनिया भुला न सके मुस्कुराना आपका !

1238


करिये तो कोशिश हमको याद करने की;
फुर्सत के लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे;
दिल में अगर है चाहत हमसे मिलने की;

बहाने मिलने के खुद-ब-खुद बन जायेंगे।

1237 कांटे फूल जिंदगी कबूल शायरी


अपनी जिंदगीके अलग असूल हैं,
यारकी खातिर तो कांटे भी कबूल हैं,
हंसकर चल दूं कांचके टुकड़ोंपर भी,
अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं !

1236


एक ही चौखट पर सर झुके,
तो सुकून मिलता है.....
भटक जाते है वो लोग,

जिनके हजारो खुदा होते है.......

20 April 2017

1235


आपकी आँखे नहीं,
ये तो दिल का आयना है ...
जो बात आप जुबा से छुपाते हो ...
वो ये नादान... बया करता है !!!

1234


तू होश में थी फिर भी...
हमें पहचान ना पाई...

एक हम है पी कर भी...
तेरा नाम लेते रहे.......

1233


आप आपकी आँखों में,
सुरमा लगाया कीजिये ...
न हँसीन आँखों में कभी,
हमें भी समाया कीजिये...!

1232


बस यही सोचकर छोड़ दी...
हमने जिद्द मोहब्बत की,

अश्क़ तेरे गिरे या मेरे...
रोयेगी तो मोहब्बत ही...!!!

1231


पसंद" है मुझे...
उन लोगो से "हारना"...
जो मेरे "हारने" की वजह से,

पहलीबार "जीतें" हो !!!

18 April 2017

1230


तू ही बता ए दिल तुम्हें समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,

मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे…

1229


ए खुदा...
बहोत दर्द देती है ये मोहब्बत...
तू कही अलग दुनिया बना दे,

इन बेवफाओ की.......

1228


एक मैं हूँ कि समझा नहीँ
खुद को आज तक...!

और दुनियाँ हैं कि न जाने
मुझे क्या-क्या समझ लेती हैं...!!!