28 April 2018

2661 - 2665 दिल आदत मोहोब्बत कीमत तन्हा किस्मत ख्वाब मुश्किल इजहार इजाजत इन्तजार आँखरी साँस खुशबु ख़ामोशी शायरी


2661
मैने कब कहां,
कीमत समझो तुम मेरी;
हमें बिकना ही होता,
तो यूँ तन्हा ना होते...!

2662
तुम खुश-किस्मत हो,
जो हम तुमको चाहते हैं,
वरना हम तो वो हैं...
जिनके ख्वाबोंमें भी लोग
इजाजत लेकर आते हैं !!!
2663
बडी मुश्किलमें हूं कैसे इजहार करू,
वो तो खुशबु हैं से कैसे गिरफ्तार करू...
उसकी मोहोब्बतपर मेरा हक नहीं,
लेकिन दिल कहता हैं,
आँखरी साँतक उसका इन्तजार करूं...

2664
दिल जलानेकी आदत उनकी,
आज भी नहीं गयी,
वो आज भी फूल,
बगलवाली कबरपर रख जाते हैं।

2665
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हैं ...
कान लगाकर नहीं ,
दिल लगाकर सुनो !!!

27 April 2018

2656 - 2660 दिल इश्क़ मोहोब्बत दुनियाँ बेवफा किताब ख़याल चर्चे आवाज़ बाज़ार ख़ामोशी शायरी


2656
"बहुत दर्द देती हैं,
ये मोहोब्बत.......
खुदा तू बेवफाओंकी,
अलग दुनियाँ बना दे...!

2657
खुदा... तु युँ कर...
चाहे कुछ ना लिखा कर,
पर युँ कहानियाँ मोहोब्बतकी,
अधूरी लिखा कर....... 

2658
किताबका नाम यूँ ही,
'मेरी आत्मकथा' रखा हैं,
बाकी इसके हर एक पन्नोंपर,
नाम तो सिर्फ उनका ही लिखा हैं !

2659
इश्क़के ख़याल बहुत हैं...
इश्क़के चर्चे बहुत हैं...
सोचते हैं हम भी करले इश्क़...
पर सुनते हैं इश्क़में खर्चे बहुत हैं...

2660
मुँहकी बात सुनें हर कोई,
दिलके दर्दको जाने कौन,
आवाज़ोंके बाज़ारोंमें,
ख़ामोशी पहचाने कौन.......

26 April 2018

2651 - 2655 इश्क ज़िंदगी दीवानगी उधार किश्तें कोशिश बावजूद लफ्ज हक़ीक़त रूबरू अदा इंतजार जुबान ख़ामोशी साहिल शायरी


2651
मेरी दीवानगीका उधार,
उन्हे चुकानेकी जरुरत नहीं हैं,
मैं उन्हे देखता हूँ और,
किश्तें अदा हो जाती हैं...!

2652
कोरा ही रहा खतका पन्ना,
मेरी लाखों कोशिशोंके बावजूद,
तेरे लिए चुन सकूं जिन्हें,
वो लफ्ज मुझे मिले नहीं...

2653
हक़ीक़त रूबरू हो तो अदाकारी नहीं चलती,
ख़ुदाके सामने बन्दोंकी मक्कारी नहीं चलती;
तुम्हारा दबदबा ख़ाली तुम्हारी ज़िंदगीतक हैं,
किसीकी क़ब्रके अन्दर ज़मींदारी नहीं चलती...

2654
किस खतमें लिखकर भेजू,
अपने इंतजारको तुम्हे,
बेजुबान हैं इश्क मेरा और...
ढूंढता हैं ख़ामोशीसे तुम्हे...!
2655
"ऐ सागरइतना नमक,
तुझमें किसने संजोया होगा...
कोई तो हैं.......
जो साहिलपर बैठकर,
सदियोंतक रोया होगा !!!

25 April 2018

2646 - 2650 दिल बेचैनी कसम लहर किनारा नसीब दुनियाँ तन्हाई आँखे मेहफिल वजूद किस्मत शायरी


2646
तुम्हारी कसम, मैं तुम्हारा नहीं हूँ,
भटकती लहर हूँ, किनारा नहीं हूँ,
तुम्हारा ही क्या, मैं हूँ नहीं किसीका...
मुझे दुःख रहेगा अंततक इसीका.......

2647
हर किसीके नसीबमें,
कहाँ लिखी होती हैं चाहतें;
कुछ लोग दुनियाँमें आते हैं,
सिर्फ तन्हाईयोंके लिए.......

2648
आज दिलमें बेचैनी,
कुछ ज्यादा हो रही हैं;
तुम जहाँ भी हो,
ठीक तो हो ना.......?

2649
बहोत देर तक ये 'मेहफिल',
दिलमें होशियार रहती हैं...
आँखे कितनी भी बंद करो,
कम्बक्त नींद कहाँ आती हैं...

2650
इतना भी ना तराशो,
कि वजूद ही ना रहे हमारा;
हर पत्थरकी किस्मतमें,
नहीं होता संवरकर खुदा हो जाना !

24 April 2018

2641 - 2645 ज़िन्दगी रिश्ते घमण्ड कसूर ग़म चाह हौसला बयान गवाह बेवफा नज़्म नाम शर्त शायरी


2641
घमण्डसे भी अक्सर,
खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते...
कसूर हर बार,
गल्तियोंका नहीं होता...

2642
मत उलझ  दोस्त,
मुझे ग़म देनेकी चाहमें...
मुझमें हौसला हैं,
मैं मुस्कुराके निकल जाऊँगा।।

2643
जैसे बयानसे,
मुकर जाए कोई गवाह...
बस इतनीसी,
बेवफा हैं वो !!!

2644
"लिख दूँ....... की रहने दूँ.......
नज़्म तेरे नामकी...
तुझे खुश कर पाऊँ तो,
ज़िन्दगी किस कामकी.......!"

2645
एक ही शर्तपें बाटूँगा खुशी;
तेरे ग़ममें मेरा हिस्सा होगा...!

23 April 2018

2636 - 2640 ज़िन्दगी मोहब्बत याद कसम पल दर्द हिसाब मंज़िल ग़म उदास फ़िक्र पनाह चाहत शायरी


2636
तुझे ज़िन्दगीभर याद रखनेकी,
कसम तो नहीं ली,
पर एक पलके लिए,
तुझे भुलाना भी मुश्किल हैं !

2637
अगर मोहब्बतकी
हद नहीं कोई...
तो फिर,
दर्दका हिसाब क्यों रखूँ...

2638
मंज़िलोंके ग़ममें रोनेसे,
मंज़िलें नहीं मिलती;
हौंसले भी टूट जाते हैं,
अक्सर उदास रहनेसे।

2639
ये जो उनकी...
बेफ़िक्री हैं,
ये हमारी ही बेपनाह,
चाहतका नतीजा हैं...

2640
ना मैं शायर हूँ;
ना मेरा शायरीसे कोई वास्ता,
बस शौक बन गया हैं,
तेरी यादें बयान करना...!

22 April 2018

2631 - 2635 ज़िन्दगी सब्र रास्ते हैरान उदास ख़फ़ा कोशिश रिश्ते वजह दर्द सपने शायरी हैं


2631
फिर यूँ हुआ कि
सब्रकी उँगली पकड़कर हम...
इतना चले कि,
रास्ते हैरान हो गए.......!

2632
टूटे हुये सपनों और रूठे हुये अपनोंने,
उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे,
मुस्करानेका राज पूछा करते थे...

2633
इतना तो बता जाओ,
ख़फ़ा होनेसे पहले,
वो क्या करें...
जो तुमसे ख़फ़ा हो नहीं सकते ?

2634
कोशिश करो की कोई हमसे रूठे !
ज़िन्दगीमें अपनोंका साथ छूटे !
रिश्ते कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ !
कि उस रिश्तेकी डोर ज़िन्दगीभर छूटे !!!

2635
जो लोग दर्दको
समझते हैं,
वो लोग कभी भी दर्दकी
वजह नहीं बनते !

20 April 2018

2626 - 2630 दिल दिमाग किताब अल्फ़ाज़ ख़ामोश दुश्मन कातिल मज़ा वफा नाम याद शायरी


2626
किताबोंकी तरह हैं,
हम भी.......!
अल्फ़ाज़से भरपूर,
मगर ख़ामोश.......!!!

2627
परिचय देनेमें,
निदा फ़ाजली साहबकी एक पंक्ति,
"उसके दुश्मन हैं बहुत,
इंसान अच्छा ही होगा..."

2628
मरनेका मज़ा तो
तब हैं...,
जब कातिल भी,
जनाजेपें आकर रोये...!

2629
वफाका नाम मत लो यारो ,
वफा दिलको दुखाती हैं;
वफाका नाम लेते हो.
तो इक बेवफा याद आती हैं l

2630
कमबख्त दिलका मामला हैं,
दिमागका होता तो,
समझा दिया होता.......

19 April 2018

2621 - 2625 दिल जिंदगी वजह शतरंज लफ़्ज़ एहसास नाम होठ साँस वक़्त तमन्ना आशिक़ बंदगी काफ़िर याद शायरी


2621
जरा ठहर जिंदगी...
तुझे भी सुलझा दुंगा...!
पहले उसे तो मना लूँ...
जिसकी वजहसे तू उलझी हैं...!!!


2622
शायरी भी एक खेल हैं शतरंजका...
जिसमे लफ़्ज़ोंके मोहरे
मात दिया करते हैं...
एहसासोंको.......

2623
कभी काग़ज़पें लिखा था,
आपका नाम अनजानेमें;
उससे बेहतर नज़्म,
फिर कभी लिख नहीं पाए !!!

2624
होठोंको छूआ उसने,
एहसास अबतक हैं
आँखोंमें नमी और,
साँसोंमें आग अबतक हैं
वक़्त गुज़र गया पर,
याद उसकी अब तक हैं

2625
यूँ तो तमन्नाएं दिलमें ना थी हमें लेकिन;
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक़ बन बैठे;
बंदगी तो खुदाकी भी करते थे लेकिन;
ना जाने क्यों हम काफ़िर बन बैठे।

18 April 2018

2616 - 2620 साँस ख़ामोशी मुश्किल कस्तूरी लकीर दर्द वक़्त एहसास खिलवाड़ शायरी


2616
"उसने मुझसे पुछा,
मेरे बिना रह लोगे ?
साँस रुक गई और,
उन्हें लगा हम सोच रहे हैं..."

2617
ऐसा नहीं कि,
कहनेको कुछ नहीं बाकी,
मैं बस देख रहा हूँ,
क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले !!!

2618
जंगल जंगल ढूंढ रहा...
मृग अपनी ही कस्तूरीको ,
कितना मुश्किल हैं तय करना...
खुदसे खुदकी दुरीको...!!!

2619
लोग कहते हैं,
होना तो वहीं हैं...
जो मुक्कदरमें लिखा हैं !
फिर भी मैं रोज़...
हाथोकी लकीरोंसे खिलवाड़ करता हूँ... ।।

2620
दर्द बयाँ करना हैं,
तो शायरीसे कीजिये...
जनाब.......
लोगोंके पास वक़्त कहाँ ?
एहसासोंको सुननेका...!