27 April 2018

2656 - 2660 दिल इश्क़ मोहोब्बत दुनियाँ बेवफा किताब ख़याल चर्चे आवाज़ बाज़ार ख़ामोशी शायरी


2656
"बहुत दर्द देती हैं,
ये मोहोब्बत.......
खुदा तू बेवफाओंकी,
अलग दुनियाँ बना दे...!

2657
खुदा... तु युँ कर...
चाहे कुछ ना लिखा कर,
पर युँ कहानियाँ मोहोब्बतकी,
अधूरी लिखा कर....... 

2658
किताबका नाम यूँ ही,
'मेरी आत्मकथा' रखा हैं,
बाकी इसके हर एक पन्नोंपर,
नाम तो सिर्फ उनका ही लिखा हैं !

2659
इश्क़के ख़याल बहुत हैं...
इश्क़के चर्चे बहुत हैं...
सोचते हैं हम भी करले इश्क़...
पर सुनते हैं इश्क़में खर्चे बहुत हैं...

2660
मुँहकी बात सुनें हर कोई,
दिलके दर्दको जाने कौन,
आवाज़ोंके बाज़ारोंमें,
ख़ामोशी पहचाने कौन.......

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