8 April 2018

2581 - 2585 दिल मोहब्बत धड़कन मौत पसंद याद जायदाद नसीब करीब अधूरी रिश्ते पल हथेली शायरी


2581
ये जो तुम्हारी याद हैं ना...
बस यहीं एक मेरी जायदाद हैं...!

2582
नसीब आजमानेके दिन रहे हैं,
करीब तेरे आनेके दिन रहे हैं...

2583
मोहब्बतें अधूरी रह जाती हैं...!
तभी तो शायरियाँ पूरी होती हैं...!!!

2584
रिश्ते काँचकी तरह होते हैं,
टूटे जाए तो चुभते हैं;
इन्हे संभालकर हथेलीपर सजना,
क्योकि इन्हे टूटनेमें एक पल,
और बनानेमें बरसो लग जाते हैं...!

2585
मोहब्बत और मौत दोनोंकी पसंद,
अजीब हैं...
एकको दिल चाहिए
और दूसरेको धड़कन.......!

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