2666
सारा दिन लगता
हैं खुदको समेटनेमें,
फिर शामको.......
तुम्हारी यादोंकी हवा चलती हैं,
और हम... फिर बिखर जाते हैं...
रात ख्वाबमें अपनी
मौत देखी...
रोने वालोंमें तुमको
नहीं पाया मैंने...
2667
मैने पूछा क्यूँ
यू रुलाती हो
अक्सर मुझे,
हँसके वो
कहने लगी,
मुझे
बहता हुआ पानी
बहुत पसंद हैं.......
2668
"बहुत
बोलती हैं तन्हाईमें यादे तुम्हारी,
जब बोलते नहीं तुम...!"
2669
किसीके न
होनेसे,
उसकी
अहमियतका अंदाजा
लगता हैं;
वरना,
आज हम धुंधमें धूप क्यों
तलाशते!!!
2670
थक जाओगे तुम,
साथ
देते देते...
मेरे इस दिलमें,
मोहब्बतका
समन्दर हैं.......
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