2571
कभी कभी दिल
उदास होता हैं,
हल्का हल्कासा आँखोंको एहसास होता हैं,
छलकती हैं मेरी
भी आँखोंसे
नमी,
जब तुम्हारे दूर होनेका एहसास होता
हैं l
2572
मंजर भी बेनूर
थे और,
फिजायें
भी बेरंग थी,
बस तुम याद
आए और...
मौसम सुहाना हो गया !
2573
हादसों के गवाह
हम भी हैं,
अपने दिलसे
तबाह हम भी
हैं,
जुर्मके बिना
सजा-ए-मौत
मिली,
ऐसे ही एक
बेगुनाह हम भी
हैं...!
2574
गुलाब मोहाब्बतका पैगाम
नहीं होता,
चाँद चांदनीका प्यार
सरे आम नहीं
होता,
प्यार होता हैं मनकी निर्मल
भावनाओंसे,
वरना यूँ ही
राधा-कृष्णका
नाम नहीं हो...
2575
तुम देखते रहना यूँ
ही,
मुझको ... आँखें भरभरके.......
हम दिवाने हुए...
तेरी इस मोहाब्बतके.......!
No comments:
Post a Comment