2616
"उसने
मुझसे पुछा,
मेरे
बिना रह लोगे
?
साँस रुक गई
और,
उन्हें लगा
हम सोच रहे
हैं..."
2617
ऐसा नहीं कि,
कहनेको कुछ
नहीं बाकी,
मैं बस देख
रहा हूँ,
क्या
ख़ामोशी भी समझते
हैं सुनने वाले !!!
2618
जंगल जंगल ढूंढ रहा...
मृग अपनी ही कस्तूरीको
,
कितना मुश्किल हैं तय करना...
खुदसे खुदकी दुरीको...!!!
2619
लोग कहते हैं,
होना तो वहीं हैं...
जो मुक्कदरमें लिखा हैं !
फिर भी मैं रोज़...
हाथोकी
लकीरोंसे खिलवाड़
करता हूँ... ।।
2620
दर्द बयाँ करना
हैं,
तो शायरीसे कीजिये...
जनाब.......
लोगोंके पास
वक़्त कहाँ ?
एहसासोंको सुननेका...!
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