3281
ये कैसी ख्वाहिश
हैं कि,
मिटती
ही नहीं...
जी भरके
तुझे देख लिया
फिरभी,
नजर
हटती नहीं.......!
3282
अपनी प्यारी आँखोमें छिपा लो मुझे,
प्यार तुम से
हैं अपना बना
लो मुझे l
धूप हो या
छाव साथ चलेंगे
हम,
यकीन ना हो
तो आजमालो मुझे ll
3283
बनाने वालेने,
दिल तो कांचका बनाया होता...
तोड़ने वालेके,
हाथोंमें जख्म
तो आया होता...
जब जब देखते अपने हाथोंको,
तब तब उन्हे...
हमारा ख्याल तो
आया होता ll
3284
रातको उठ
न सका,
दरवाज़ेकी दस्तकपें;
सुबह बहुत रोया,
तेरे पैरोंके
निशां देखकर.......
3285
बेवफा, तेरी मोहब्बत,
अब ठीकसे
रोने तो दे...
मीठी यादोसे
तेरी,
मुस्कुरा
भी देता हूँ आजकल.......