24 January 2019

3821 - 3825 इश्क़ अरमान इंतज़ार रिश्वत आईना चेहरा दर्द ज़िद चुनाव दिल्लगी मज़ा दिल शायरी


3821
यूँ ही भटकते रहते हैं,
अरमान तुझसे मिलनेके;
ये दिल ठहरता हैं,
तेरा इंतज़ार रुकता हैं

3822
आईना आज फिरसे ,
रिश्वत लेता पकड़ा गया;
दिलमें दर्द था और,
चेहरा हँसता हुआ पकड़ा गया !

3823
तेरी ज़िदसे तंग होकर,
इस्तीफा देने चला हैं ये दिल;
कोई इसे समझाओ की इश्क़में,
फिरसे चुनाव नहीं होते...

3824
दर्द भी दिलके साथ,
दिल्लगी करने लगा;
जुदा दिलसे हुआ और,
गिरने आँखसे लगा...

3825
तेरे श्क़का कैदी बननेका,
अलग ही मज़ा हैं,
छूटनेको दिल नहीं करता,
और उलझनेमें मज़ा आता हैं...

23 January 2019

3816 - 3820 साजिश जंग दुनिया जिंदगी रिश्ता तलाश कोशिश वक़्त हिसाब सौगात खुश दिल शायरी


3816
साजिशें वो रचते हैं दुनियामें,
जिन्हें कोई जंग जीतनी हो...
मेरी कोशिश तो,
दिल जीतनेकी होती हैं;
ताकि रिश्ता कायम रहे,
जबतक जिंदगी हो...!

3817
ज़िंदगीमें सच्चे लोगोंकी,
तलाश करना छोड़ दिया हमने;
लोग तो सिर्फ़ वक़्त बिताने और,
दिल जलानेके लिए ही मिलते हैं...

3818
ज़ुबान कड़वी सही मेरी,
मगर दिल साफ़ हैं...
कब कौन कैसे बदला,
सबका हिसाब हैं.......!

3819
आईनेके सामने खडे होके,
खुदसे ही माफी मांगली हमने;
सबसे ज्यादा अपना ही दिल दुखाया हैं,
दुसरोंको खुश करते करते.......!

3820
बेशुमार धोखोंकी,
सौगात मिलती हैं उन्हें...
जो इंसान दिलके,
साफ़ होते हैं.......!

22 January 2019

3811 - 3815 ख्वाब किस्मत फ़कीर दर्द मुसाफिर तन्हाई नाम नवाब खुशनसीब नखरे दिल शायरी


3811
तरसेगा जब दिल तुम्हारा,
मेरी मुलाकातको...
ख्वाबोंमें होंगे तुम्हारे हम,
उसी रातको.......!

3812
किस्मतके तराज़ूमें तोलो,
तो फ़कीर हैं हम;
और दर्द--दिलमें,
हमसा नवाब कोई नहीं...!

3813
उसके दिलमें,
थोड़ीसी जगह मांगी थी,
मुसाफिरोंकी तरह...
उसने तन्हाईयोंका एक शहर,
मेरे नाम कर दिया.......

3814
बडे खुशनसीब हैं हम,
जो तेरे दिलको भा गये...!
सुना था तेरा दिल,
बड़े नखरेबाज हैं......!

3815
कुदरतके करिश्मेमें अगर रात होती,
तो ख्वाबमें भी आपसे मुलाक़ात होती;
कमबख्त ये दिल हैं हर दर्दकी वजह,
ये दिल होता तो कोई बात होती...

21 January 2019

3806 - 3810 प्यार इश्क मोहब्बत नफरत सुकून कमाल राज अश्क बेशक बरसात दिल शायरी


3806
प्यार करना सीखा हैं,
नफरतोंका कोई ठौर हीं;
बस तू हीं तू हैं इस दिलमें,
दूसरा कोई और हीं...!

3807
इश्क-मोहब्बतका तो,
कुछ पता नहीं...
बस उनको देखते हैं तो,
दिलको सुकून मिलता हैं...!

3808
कमालकी फनकारी हैं,
तुझमें...
वार भी दिलपें,
राज भी दिलपें.......!

3809
चुरा लो बेशक,
मगर हसीं;
अश्कोंकी बरसात भी,
चुरा लो कभी...

3810
लौट आया हूँ फिर,
शायरोंकी बस्तीमें...!
अब कहो दिलका दर्द सुनाऊँ,
या तेरी यादोंकी खुशबु फैलाऊँ...!

20 January 2019

3801 - 3805 रुह साँस याद सबब तड़प एहसास आँख जान जिद शरारत करवट तकलीफ बेरुखी दिल शायरी


3801
गीली पलकोंकी नमी,
और बेरहम याद, तुम हो...
अनछुआ दिलका कोना,
और रुहमें घुला एहसास...
सिर्फ "तुम"  हो.......!

3802
तेरी आँखोंमें एक,
शरारतसी हैं...
क्या लेना चाहते हो,
दिल य़ा जान.......!

3803
दिलके तड़पनेका,
कुछ तो सबब है आख़िर; 
या दर्दने करवट ली हैं,
या तुमने इधर देखा हैं.......।

3804
अब क्यूँ तकलीफ होती हैं,
तुम्हें इस बेरुखीसे...
तुम्हीं ने तो सिखाया हैं कि,
दिल कैसे जलाते हैं.......।

3805
साँस रुक जाए मगर,
आँखें कभी बंद हो...
मौत आए भी तो तुझे देखनेकी,
जिद खत्म हो.......!

19 January 2019

3796 - 3800 ज़माने ज़ज्बात सौदा माहिर कामयाब याद हकीकत दफन कब्र एहसास दिल शायरी


3796
सिमटते जा रहे हैं दिल,
और ज़ज्बातोंके रिश्ते...
सौदा करनेमें जो माहिर हैं,
बस वहीं कामयाब हैं.......!

3797
तुम भी अच्छे,
तुम्हारी याद भी अच्छी;
बुरे तो हम हैं,
जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना...

3798
कई बार ये सोचके,
दिल मेरा रो देता हैं कि...
मुझे ऐसा क्या पाना था,
जो मैंने खुदको भी खो दिया...

3799
ज़मानेको बोल तो देता हूँ,
के भूल गया हूँ उसे...
पर हकीकत तो बस,
मुझे और मेरे दिलको पता हैं.......!

3800
दिलसे बड़ी कोई कब्र नही,
देखो ना.......
कोई ना कोई एहसास,
रोज दफन होता हैं.......!

18 January 2019

3791 - 3795 इश्क़ मोहब्बत नफ़रत दर्द शर्त याद तलाश पनाह मशहूर नाम एहसास खुशबू दिल शायरी


3791
भुला तो दूँ तेरे कहनेपें,
तुझको दिलसे मैं;
मगर ये शर्त हैं...
तुझको भी याद आऊँ मैं.......!

3792
मैं खुशबू--रुह हूँ,
मुझे रास्तोपें तलाश ना कर...
तेरे ही दिलके किसी कोनेमें,
पनाहगार हूँ मैं.......!

3793
दिलसे साफ थे,
तो गुमनाम थे;
तेरे इश्क़के दागने,
मशहूर कर दिया.......!

3794
एहसास बदल जाते हैं बस,
और कुछ नहीं;
वरना मोहब्बत और नफ़रत,
एक ही दिलसे होती हैं...!

3795
सुनसानसी लग रही हैं,
आज ये शायरोंकी बस्ती...
क्या किसीके दिलमें,
अब दर्द नहीं रहा.......!

17 January 2019

3786 - 3790 बेचैनि जहान रिश्ता जुबां फ़िक़्र ज़िक्र क़ब्र दफ़न एहसास खुशबू दिल शायरी


3786
हर चीज़ ले लेते हो दिलपर,
बस मुझे छोड़कर.......

3787
बेचैनियाँ समेटकर,
सारे जहानकी...
जब कुछ बना सका,
तो मेरा दिल बना दिया...

3788
आज फिर दिल,
दिमागके करीब हो गया...
आज फिर एक रिश्ता,
गरीब हो गया.......

3789
दिलमें तेरी ही यादें हैं,
जुबांपें तेरा ही ज़िक्र हैं;
मैं कहता हूँ ये इश्क़ हैं,
तू कहती हैं बस फ़िक़्र हैं...!

3790
इस दिलसे बड़ी,
कोई क़ब्र नहीं हैं...l
रोज़ कोई ना कोई,
एहसास दफ़न होता हैं...ll

3781 - 3785 ज़िन्दगी तलाश चाहत याद दुश्मन चुनाव दुआ नूर इबादत रिश्ता दर्द दिल शायरी


3781
दिलमें चाहतका होना जरूरी हैं...
वरना,
याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं...!

3782
हर शाम उड़ते परिंदोंको देखकर
दिलसे ये दुआ निकलती हैं...!
की घर किसीका उजड़े,
ज़िन्दगी तलाश करते - करते...!

3783
"इतना आसान नहीं
खुदाकी इबादत करना,
दिलसे गुरुर जायेगा
तभी नूर आयेगा।"

3784
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते,
खुदको खो दिया हमने अपनोंको पाते पाते;
लोग कहते हैं दर्द हैं मेरे दिलमें,
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते...

3785
काश के दिलोंका भी,
चुनाव होता यारो 
साला पता तो चलता,
किसके दिलमें कितने रहते हैं ।।

15 January 2019

3776 - 3780 मुहोब्बत ज़िन्दगी आँख साँस दाँव लफ़्ज़ हाल खामोशी दीवाना अंजान दिल शायरी


3776
सुना हैं, दिलसे याद करो तो,
खुदा भी जाता हैं...
हमने तो साँसोंको भी दाँवपें लगा दिया,
फिर भी अकेले रहे.......

3777
ज़िन्दगीमें एक ऐसे,
इंसानका होना बहुत ज़रूरी हैं...
जिसको दिलका हाल बतानेके लिए,
लफ़्ज़ोंकी जरुरत पड़े.......

3778
खामोशी बहोत कुछ कहती हैं...
कान लगाकर नहीं,
दिल लगाकर सुनो.......

3779
मुहोब्बत ज़िन्दा हैं,
अभी हम जैसे दीवानोंसे...
कौन दिल लगाता हैं,
वरना आज अंजानोंसे.......

3780
मुहोब्बत खुद बताती हैं,
कहाँ किसका ठिकाना हैं;
किसे आँखोंमें रखना हैं,
किसे दिलमें बसाना हैं...

14 January 2019

3771 - 3775 इश्क महफूज रूह बेबस दुनिया धुंध लापता याद दहलीज मुस्कुरा आँख दिल शायरी


3771
इश्क वो खेल नहीं,
जो छोटे दिलवाले खेलें;
रूह तक काँप जाती हैं,
सदमे सहते-सहते...!

3772
सो जा दिल,
आज धुंध बहुत हैं... तेरे शहरमें... 
अपने दिखते नहीं और,
जो दिखते हैं वो अपने नहीं...।

3773
सुनो ये दिल भी,
बड़ी बेबस चीज़ हैं...
देखता सबको हैं...!
पर ढूँढता सिर्फ उन्हीको हैं.......!

3774
दिलसे ज्यादा महफूज, 
कोई जगह नहीं दुनियामें...
मगर सबसे ज्यादा लोग,
लापता यहींसे होते हैं...!

3775
तेरी याद दिलकी दहलीजपर,
फिरसे गयी...
कुछ देर मुस्कुरायी फिर,
मेरी आँखें भिगा गयी.......