2846
तुमने भी उस
वक्त,
बेवफाई की,
जब यकीन,
आखिरी मुकामपर था...
2847
फ़िक्र तो तेरी
आज भी हैं,
बस.......
जिक्रका हक
नहीं रहा...।
2848
वो कहते
हैं हम जी
लेंगे,
खुशीसे तुम्हारे
बिना;
हमें डर हैं वो टूटकर,
बिखर
जायेंगे हमारे बिना...।
2849
चूम लेती हैं
लटककर,
कभी चेहरा... कभी लब...
तुमने ज़ुल्फ़ोंको बहुत,
सरपें चढा
रखा हैं.......!!!
2850
जबभी तेरी
याद आती हैं,
तब मैं अपने दिलपें हाथ रखता हूँ...
मुझे पता हैं,
तू कहीं नहीं
मिली तो...,
यहाँ ज़रूर
मिलेगी.......!
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