8 June 2018

2851 - 2855 दिल मोहब्बत मशहूर मदहोश दर्द एहसास दुनियाँ साथ खामोश लफ़्ज़ जज़्बात शायरी


2851
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर हैं दोस्तो,
इलज़ाम सौ तरहके मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ासा अपनी चाल बदलकर चलो,
सीधे चले तो मुमकिन हैं पीठमें खंज़र भी आयेंगे।

2852
इतनी पीता हूँ कि,
मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ...
पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं,
मुझे गिरानेकी कोशिश...
मैं अक्सर उन्हीके साथ रहता हूँ।

2853
टूटा हो दिल तो दुःख होता हैं,
करके मोहब्बत किसीसे ये दिल रोता हैं,
दर्दका एहसास तो तब होता हैं,
जब किसीसे मोहब्बत हो और...
उसके दिलमें कोई और होता हैं

2854
हाथ थामे रखना,
दुनियाँमें भीड़ भारी हैं...
खों ना जाऊ कहीं मैं,
ये जिम्मेदारी तुम्हारी हैं...!

2855
एहसासोंकी अगर जुबाँ होती,
दुनियाँ फिर खूबसूरत कहाँ होती,
लफ़्ज़ बन जातें हैं पर्दे जज़्बातके,
अजी फिर कैसे ये मोहोब्बत बयाँ होती !

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