12 June 2018

2861 - 2865 मोहब्बत ज़िन्दगी दुनियाँ आँख ख़्वाब क़त्ल गवाह बातें मतलब असर तकलीफ एहसास हाल शायरी


2861
ना गवाह मिलता हैं,
ना ही लाश मिलती हैं...
"शायद इसलिए लोग,
एहसासका क़त्ल करते हैं...!"

2862
ख़्वाबसे होते हैं कुछ लोग...
सिर्फ़ आँखोंमें ही रहते हैं,
ज़िन्दगीमें नहीं.......!

2863
वो बार-बार पूँछता हैं,
कि क्या हैं मोहब्बत...?
अब क्या बताऊँ उसे कि,
उनका पूँछना और
मेरा बता पाना ही...
मोहब्बत हैं.......!

2864
यूँ असर डाला हैं,
मतलब-परस्तीने दुनियाँपर ग़ालिब,
कि हाल पूछो तो लोग समझते हैं...
कोई काम होगा !

2865
अजनबी लोगोंसे
बातें करना पसंद हैं मुझे;
अपना बनकर बेगाना होनेकी,
ये तकलीफ तो नहीं देते...!

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