13 June 2018

2871 - 2875 दिल अहसास याद हिचकियाँ मौजूद कदम निशान हाल राह तन्हा शायरी


2871
हिचकियाँ हमनें भी,
ना रोकी ये सोंच कर कि...
ज़रा देखें कोई किस हद तक,
हमें याद करता हैं.......।

2872
हम तो बिछडे थे,
तुमको अपना अहसास दिलानेके लिए,
मगर तुमने तो,
मेरे बिना जीना ही सिख लिया।

2873
अभी तक मौजूद हैं,
इस दिलपर तेरे कदमोंके निशान,
हमने तेरे बाद किसीको,
इस राहसे गुजरने नहीं दिया...!

2874
पास बैठकर पुछोगी,
तो, सुनाये हाले दिल...
दुरसे पुछोगी,
तो, अच्छा ही कहेगे.......।

2875
गुजरती हैं मेरी कैसे,
हर एक शाम तेरे बगैर...
अगर तुम देख लेते तो,
कभी तन्हा छोड़ते.......

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