24 June 2018

2916 - 2920 याद वजह सुकून जहन साँस भूल दर्द गम बहाने तलाश शायरी


2916
किसी को याद करने कि,
वजह नहीं होती हर बार,
जो सुकून देते हे वो,
जहनमें जिया करते हैं...

2917
तुम याद हर साँसके साथ रहे हो...
अब तुम ही बताओ,
तुम्हारी याद रोक दूँ...
या अपनी साँस.......!

2918
जब तक जिन्दा हूँ,
हाल तो पूछ लिया करो...
इतना तो हम भी जानते हैं,
मिट्टीमें सोने के बाद तो...
घरवाले भी भूल जाते हैं !

2919
बढ रहा हैं दर्द गम,
उस को भुला देनेके बाद;
याद उसकी और आई,
खत जला देनेके बाद...

2920
वो अचानक नहीं बिछड़ी मुझसे...
न जाने कबसे.......
उसे एक बहानेकी
तलाश थी l

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