18 June 2018

2891 - 2895 दिल इश्क़ हुस्न हसीन मोहब्बत उल्फत आँखे सादगी तस्वीर हुनर काजल खबर आईने शायरी


2891
अपने दिलकी सादगीपें,
रहम आता हैं मुझे...
मुस्कुराकर बात की जिसने,
बस उसीका हो गया.......

2892
कहते हैं मिलती हैं,
मोहब्बतमें बहुतसी उल्फते...
पर आप हो महबूब,
तो सब  क़ुबूल हैं.......

2893
आँखे ही क्या कम थी,
उसपर...
काजल भी लगाते हो,
इश्क़में क़तलके...
तुम भी,
क्या हुनर आज़माते हो...!

2894
हजारोने दिल हारे हैं,
तेरी सुरत देखकर,
कौन कहता हैं
तस्वीर जूआँ नही खेलती !

2895
ये आईने ना दे सकेंगे,
तुझे तेरे हुस्नकी खबर;
कभी मेरी आँखोंसे आकर पूछो,
के कितनी हसीन हों तुम.......!

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