21 June 2018

2906 - 2910 मोहब्बत अहसास हालात गहरा परेशान तक़दिर बेपनाह दर्द ख़ामोशी प्यास तलाश शायरी


2906
वोह बोली मोहब्बतका समुंदर,
बहोत गहरा होता हैं...
हमने भी कह दिया,
डूबनेवाले सोचा नहीं करते.......

2907
अपनी हालातका,
ख़ुद अहसास नहीं हैं मुझको,
मैने औरोंसे सुना हैं,
बहोत परेशान हूँ मैं.......

2908
तक़दिरको इस तरह,
अपनाया हैं मैंने...
जिसने देखा ही नहीं मुडके,
उसे बेपनाह चाहा हैं मैने.......

2909
इतना दर्द तो शायद,
मरने से भी होगा,
जितना दर्द तेरी...
ख़ामोशीने दिया हैं.......

2910
गुज़रते लम्होंमें,
सदियाँ तलाश करता हूँ;
ये मेरी प्यास हैं,
नदियाँ तलाश करता हूँ...

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