6 May 2020

5826 - 5830 दिल इश्क हकीकत नजरअंदाज खामोश तन्हा खबर याद नजर शायरी



5826
उसका नकाबी चेहरा,
हकीकतमें तब्दील होने लगा...
इश्क मेरा मेरी ही नजरोंमें,
ज़लील होने लगा.......

5827
झुकी झुकी नजर तेरी,
कमाल कर जाती हैं...
उठती हैं एक बार तो,
सवाल कर जाती हैं...

5828
नजरअंदाज कर जा,
एक बार...
पर,
इधरसे गुज़र जा...!

5829
खामोश उनकी नजरोंने,
एक काम गजब का कर डाला...
पहले थे हम दिलसे तन्हा,
अब खुदसे ही तन्हा कर डाला...

5830
बिछे हुए अखबारकी,
पुरानी खबर पढ़ रहा था...
नजर तारीखपे थी,
यादोंसे लड़ रहा था.......

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