24 May 2020

5911 - 5915 दिल इश्क़ वफा प्यार जिन्दगी याद खामोशी इज़हार चराग एहसास तमन्ना शायरी



5911
खामोशियोमें इज़हार-ए-दिल किजीये,
तमन्ना हो गर कोई तो बयान किजीये l
गुपचुप मुस्कुराके न तडपाईये,
इश्क़के नैनोसे वार न किजीये ll

5912
यादोमें न ढूंढो हमे,
मनमें हम बस जायेंगे...
तमन्ना हो अगर मिलनेकी,
तो हाथ रखो दिलपर...
हम धड़कनोंमें मिल जायेंगे...!

5913
हम चराग-ए-तमन्ना जलाते रहें,
वो चराग-ए-तमन्ना बुझाते रहें...

5914
जिन्दगी जैसी तमन्ना थी,
नहीं कुछ कम हैं...
हर घड़ी होता हैं एहसास,
कहीं कुछ कम हैं...

5915
हैं तमन्ना फिर मुझे,
वो प्यार पानेकी,
दिल हैं पाक मेरा,
ना कोशिश कर आज़मानेकी;
जब एतबार हैं तुझे मेरा,
और मुझे तेरी वफाईका,
तो फिर क्यूँ करता हैं परबाह,
ये दिल ज़मानेकी...

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