5896
जाते जाते आप,
इतना काम तो
कीजे मिरा...
यादका सारा सर-ओ-सामाँ,
जलाते जाईए.......
जौन एलिया
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आज फिर नींदको,
आँखोंसे
बिछड़ते देखा...
आज फिर याद
कोई,
चोट पुरानी आई...
इक़बाल अशहर
5898
आपके बाद हर
घड़ी हमने,
आपके साथही गुज़ारी हैं...!
गुलज़ार
5899
दिल धड़कनेका सबब याद
आया l
वो तिरी याद
थी, अब याद
आया ll
नासिर काज़मी
5900
इस ज़िंदगीमें इतनी,
फ़राग़त
किसे नसीब...
इतना न याद
आ कि तुझे,
भूल जाएँ हम.......
अहमद फ़राज़
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