8446
एक़ ख़्वाहिश हैं मेरी,
लंबी राह हल्क़ी बारिश...
बहुत सारी बातें,
और बस हम और तुम...
8447राह भी तुम हो,राहत भी तुम ही हो...!मेरे सुख़ दुख़क़ो बांटनेवालीहमसफ़र भी तुम ही हो.......!!!
8448
फ़िरसे इश्क़की राहमें,
चलना सीखा दिया...
हमे फ़िरसे इश्क़ने,
अपना बना दिया...ll
8449क़िसीक़े दिलमें,राह क़िए ज़ा रहा हूँ...क़ितना हसीन गुनाह,क़िए ज़ा रहा हूँ.......!
8450
राह-ए-वफ़ामें,
क़ोई हमसफ़र ज़रूरी हैं...
ये रास्ता क़हीं तनहा क़टे,
तो मुश्क़िल हैं.......
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