22 January 2018

2261 - 2265 वक्त इशारा नफरत गुजर दुश्मन खेमे याद बात छांव धूप तेज कत्ल लम्बी उम्र साज़िश शायरी


2261
मुझसे नफरत करने वालो,
एक काम करो,
सुधर जाओ नहीं तो,
गुजर जाओ !!

2262
दुश्मनके खेमेमें चल रही थी,
मेरे कत्लकी साज़िश...
मैं पहुंचा तो बोले,
"यार तेरी उम्र बहुत लम्बी हैं"।

2263
पेड़ काटने आये हैं कुछ लोग,
मेरे शहरमें ... !
अभी धूप बहुत तेज हैं कहकर,
उसकी छांवमें बैठे हैं .....!

2264
मैं खुश हूँ कि,
कोई मेरी बात तो करता है...
बुरा कहता हैं तो क्या हुआ,
वो याद तो करता हैं...!

2265
वक्त इशारा देता रहा,
हम इत्तेफाक़ समझते रहे;
बस यूँ ही धोखे खाते रहे,
और इस्तेमाल होते रहे !

21 January 2018

2256 - 2260 प्यार गुस्सा सितम पाबंद वक्त आवारा लफ़्ज़ ख़ामोशी ज़ुबाँ समझदारी आँखें शायरी


2256
नहीं मिला कोई,
तुम जैसा आज तक...
पर ये सितम अलग हैं की,
मिले तुम भी नहीं......

2257
" रात तो पाबंद हैं,
वक्तपर लौट आती हैं रोज़...
नींद ही आवारा हो गयी हैं,
आज कल..."

2258
लफ़्ज़ोंके बोझसे,
थक जाती हैं ज़ुबाँ कभी-कभी...
पता नहीं ख़ामोशी,
मज़बूरी हैं... या समझदारी...!

2259
तुमको आता हैं,
प्यारपर गुस्सा,
हमको आता हैं,
तुम्हारे गुस्सेपर बहुत !!!

2260
वो तो आँखें थी,
जो सब सच बयाँ कर गयी ...
वरना लफ्ज होते तो,
कबके मुकर गए होते... !

20 January 2018

2251 - 2255 प्यार ‎दिल दुनियाँ रिश्ते दर्द प्यास पल हंसी अंदाज़ महक गलतफहमी नज़र शायरी


2251
हर दिलमें दर्द छुपा होता हैं,
बयाँ करनेका अंदाज़ जुदा होता हैं,
कोई अश्कोंसे बहा देता है और...
किसीकी हंसीमें भी दर्द छुपा होता हैं !

2252
भीगी मिट्टीकी महक,
प्यास बढ़ा देती हैं,
दर्द बरसातकी बूँदोंमें,
बसा करता हैं l
           मरग़ूब अली

2253
गलतफहमीका एक पल इतना,
जहरीला होता हैं...
जो प्यार भरे सौ लम्होंको...
एक पलमें भुला देता हैं......

2254
रिश्ते बनानेके लिए...
बस एक पल चाहिए...
पर उसे निभानेके लिए...
एक खुबसूरत  दिल चाहिए !!!

2255
बन्दा खुदकी नज़रमें,
सही होना चाहिए...
दुनियाँ तो,
भगवानसे भी दुखी हैं ...

19 January 2018

2246 - 2250 मोहब्बत ख़ामोशी नजर वक़्त जहर जरूरत रूबरू सलीका बयाँ कदर यकीं शायरी


2246
अगर तुम्हें यकीं नहीं,
तो कहनेको कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हें यकीं हैं,
तो मुझे कुछ कहनेकी जरूरत नहीं !

2247
चलो अब जाने भी दो ,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर...
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हमसे होगा नहीं !!!

2248
चले जायेंगे आपको,
आपके हालपर छोड़कर...
कदर क्या होती हैं,
आपको वक़्त सिखा देगा !

2249
जहरसे खतरनाक हैं,
यह मोहब्बत,
जरासा कोई चखले,
तो मरमरके जीता हैं !

2250
नजरोंसे दूर होकर भी,
यूँ तेरा रूबरू रहना;
किसीके पास रहनेका सलीका हो,
तो तुमसा हो...

18 January 2018

2241 - 2245 दिल मुहब्बत चेहरा आईना झूठ होठ मुस्कान दर्द मुसाफिर जख्मी रस्ते गवाह दुश्मन शायरी


2241
कौन कहता हैं...
आईना झूठ नहीं बोलता ;
वह सिर्फ होठोकी मुस्कान देखता हैं,
दिलका दर्द नहीं...!

2242
आईना आज फिर...
रिशवत लेता पकडा गया ;
दिलमें दर्द था और,
चेहरा हंसता हुआ पकडा गया...!

2243
कौन कहता हैं...
मुसाफिर जख्मी नहीं होते ;
रस्ते गवाह हैं,
कम्बख्त गवाही नहीं देते ...!

2244
वो दुश्मन बनकर ,
मुझे जीतने निकले थे...
मुहब्बत कर लेते ,
मैं खुद ही हार जाता...!

2245
वो दुश्मन बनकर,
तब हुआ जब...
मैने कहा "ठीक हूँ"
और उसने मान भी लिया...!

2236 - 2240 दिल मोहब्बत नफरत दर्द याद हौसले जुदा लहर लफ्ज दुआ शख्स बेवफा बयाँ वफ़ा इश्क़ खामोश आँख डूब अंजाम शायरी


2236
वो पानीकी लहरोंपें क्या लिख रहा था;
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था;
मोहब्बतमें मिली थी नफरत उसेभी शायद;
इसलिए हर शख्सको शायद बेवफा लिख रहा था ।

2237
हैं दर्द सबके एक जैसे,
मगर हौसले जुदा - जुदा,
कोई टूटकर बिखर गया,
तो कोई मुस्कुराके चल दिया...
2238
किसीकी यादोंको रोक पाना मुश्किल हैं,
रोते हुए दिलको मनाना मुश्किल हैं,
ये दिल अपनोंको कितना याद करता हैं...
ये कुछ लफ्जोमें बयाँ कर पाना मुश्किल हैं l

2239
वफ़ाका दरिया कभी रुकता नहीं,
इश्क़में प्रेमी कभी झुकता नहीं,
खामोश हैं हम किसीके खुशीके लिए,
ना सोचोके हमारा दिल दुखता नहीं...!

2240
पानीमें तैरना सिखले मेरे दोस्त...
आँखोंमें डूबनेका अंजाम बुरा होता हैं.......!

16 January 2018

2231 - 2235 दिल मोहब्बत अजीब खामोश कशिश दिन रात बात लफ्ज अल्फ़ाज तनहां लब अधुरा हरजाई ख्याल वजह महक शायरी


2231
ऐसा नहीं हैं कि दिन नहीं ढलता,
या रात नहीं होती,
सब अधुराअधुरासा लगता हैं,
जब बात नहीं होती ...।

2232
आज कोई शायरी नहीं,
बस इतना सुन लो...
मैं तनहां हुँ,
और वजह तुम हो...

2233
एक अजीबसी कशिश हैं...
हरजाई तेरे ख्यालोंमें...
चुभते हैं दिलमें काँटे...
फिरभी फूलोंसी महक आती हैं..!

2234
अल्फ़ाज ना भी आप
लबोंपर लाते ...
आपकी खामोशियाँ भी बखूबी
हमे समझ आती हैं ...!

2235
छोटा हैं मोहब्बत लफ्ज,
मगर तासीर इसकी प्यारी हैं,
इसे दिलसे करोगे तुम,
तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी हैं !

15 January 2018

2226 - 2230 दिल प्यार इश्क़ मोहब्बत इक़रार इनकार नजर जमाने बारीश आँख कोशिश दीवाने अंदाज चौखट शायरी


2226
कभी इतना मत मुस्कुराना की,
नजर लग जाए जमानेकी;
हर आँख मेरी तरह,
मोहब्बत की नही होती...!

2227
प्यार बारीशकी बुंदोकी तरह हैं,
जिसको छुनेकी कोशिशमें,
हथेलियाँ तो गीली हो जाती हैं...
पर हाथ हमेशा खाली ही रहते हैं !

2228
हमारे इश्क़का अंदाज,
कुछ अजीबसा था,
लोग इंसान देखकर मोहब्बत करते हैं,
हमने मोहब्बत करके इंसान देख लिया...

2229
गिरते हुए आँसुओंको,
कौन देखता हैं...
झूठी मुस्कानके,
दीवाने हैं सब यहाँ...

2230
उनकी चौखटपें जाना हैं,
अब थम जा, ए दिल...
वहाँ इक़रारभी हों सकता हैं,
इनकार भी.......

14 January 2018

2221 - 2225 दिल मोहब्बत ज़िन्दगी बात बयां साँस अहसास आरजू बारिश ख्वाब मुलाकात कसक नफरत शायरी


2221
कब तलक़ बयां करूँ,
दिलकी बात....!
हर साँसमें अब तेरा,
अहसास आ जाता हैं...!

2222
भटकनेकी आरजू किसको हैं...
जो वो मिल जायें तो ठहर जाऊ मैं !!!

2223
उसे बारिशमें भीगना,
अच्छा लगता हैं,
ओर मुझे सिर्फ़ .....
बारिशमें भीगती हुई वो .......

2224
बीते हुए लम्होंकी,
कसक साथ तो होगी,
ख्वाबोंमें ही चाहे,
मुलाकात तो होगी ।

2225
तुम्हारी नफरतपर भी,
लूटा दी ज़िन्दगी हमने,
तुम ही सोचो अगर,
तुम मोहब्बत करते ...
तो हम क्या करते .......!

13 January 2018

2216 - 2220 इश्क़ तमन्ना वफ़ा मोहब्बत याद बारिश आँख आँसु लकीर तकदीर तस्वीर फ़रमाईश इबादत शायरी


2216
सुना हैं बहुत बारिश हैं तुम्हारे शहरमें,
ज़्यादा भीगना मत ,
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ,
तो बहुत याद आएँगे हम...!

2217
आँखोंमें आँसुओंकी लकीर बन गयी;
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गयी;
हमने तो सिर्फ रेतमें उंगलियाँ घुमाई थी;
गौरसे देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।

2218
मैं फ़रमाईश हूँ उसकी,
वो इबादत हैं मेरी,
इतनी आसानीसे कैसे,
निकाल दूँ उसे अपने दिलसे,
मैं ख्वाब हूँ उसका,
वो हकीकत हैं मेरी।

2219
बहाना कोई ना बनाओ तुम,
मुझसे खफा होनेका...
तुम्हें चाहनेके अलावा,
कोई गुनाह नहीं हैं मेरा...।"

2220
"आरज़ू, अरमान, इश्क़,
तमन्ना, वफ़ा, मोहब्बत,
चीज़ें तो अच्छी हैं...
पर दाम बहुत हैं......."

12 January 2018

2211 - 2215 याद पल जिन्दगी सवाल वक्त हालात सलामत फरियाद ख़ुशी ख्यालात साहिल शायरी


2211
"साहिलपें बैठे यूँ सोचता हूँ आज,
कौन ज़्यादा मजबूर हैं...?
ये किनारा, जो चल नहीं सकता,
या वो लहर, जो ठहर नहीं सकती...!!!"

2212
क्या करुंगा......
तेरे शीशमहलमें आकर,
जितने तेरे आईने हैं...
उतने मेरे चहेरे नहीं !

2213
जिन्दगीने सवालात बदल डाले,
वक्तने हालात बदल डाले,
हम तो आज भी वहीं हैं जो कल थे,
बस लोगोंने अपने ख्यालात बदल डाले।

2214
रहे सलामत जिन्दगी उनकी ,
जो मेरी ख़ुशीकी फरियाद करते हैं...
ऐ खुदा उनकी जिन्दगी खुशियोंसे भरदे ,
जो मुझे याद करनेमें ,
अपना एक पल बर्बाद करते हैं...

2215
कोशिश करो की
जिन्दगीका हर लम्हा
अच्छेसे गुजरे
क्योकि
जिन्दगी नहीं रहती पर
"अच्छी यादें"
हमेशा जिन्दा रहती हैं...!

2206 - 2210 दिल जिंदगी रास्ता शहद इशारे दिवाने उम्र मिठास रिश्ते वास्ता कमाल लम्हा किताब शायरी


2206
यूँ ही नहीं आती शहदमें मिठास जनाब,
इक राणीके इशारेपर कई दिवाने उम्र बिता देते हैं...
और कोई आकर जला जाता हैं आशियाना,
फिर कहा शहदमें मिठास मिला करती हैं ...!

2207
हीं छोडी कमी,
किसीभी रिश्तेको निभानेमें मैने...!
आने वालेको दिलका रास्ता भी दिया,
और जाने वालेको रबका वास्ता भी दिया...!

2208
कमालका ताना दिया,
आज जिंदगीने मुझे...
कहाँ लिखते तो खूब हो,
कभी अमलभी कर लिया करो...

2209
लम्होंकी किताब हैं जिंदगी , 
ख्यालों और साँसोंका हिसाब हैं जिंदगी ,
कुछ ज़रूरतें पूरी , कुछ ख्वाहिशें अधूरी , 
इन्ही सवालोंके जवाब हैं जिंदगी...!

2210
ऐ जिंदगी...
तू सचमें बेहद खूबसूरत हैं...
फिर भी...
तू अपनोंके बिना अच्छी नहीं लगती...

10 January 2018

2201 - 2205 दिल मुहोब्बत सँभाल आँख जलन तलाश ख्वाब तारीफ़ अलफ़ाज वजह शिक़वे रंगत शायरी


2201
अब तो इन आँखोंसे भी,
जलन होती हैं मुझे...
खुली हो तो तलाश उनकी,
बंद हो तो ख्वाब उनके . . . !

2202
सभी तारीफ़ करते हैं,
मेरे अलफ़ाजोंकी,
कोई क्यूँ नहीं पूछता,
इसकी वजह क्या हैं...

2203
सँभालकर रखिए,
जरा अपने दिलको
जनाब, ...
ये टूटते ही नहीं
चोरी भी बहुत
होते हैं . . .

2204
तुमसे शिक़वे तो
बहुत हैं लेकिन
दिलपें कब्ज़ा अभी
मुहोब्बतका हैं !

2205
रंगत लाई हैं...
शायरोंकी महफ़िल...
दर्द भी कितना...
महकता हैं यहाँ...