14 June 2018

2876 - 2880 दिल जिंदगी बेहोशी किस्मत अश्क़ सजा बाते पल दर्द मर्ज़ दवा इलाज बेवफाई शायरी


2876
बेहोशीमें गुजर जाये जिंदगी,
ऐसी किस्मत कहाँ?
होशमें रहनेकी सजा जिंदगी,
देती रहती हैं जहाँ.......!

2877
ऐसा लगता हैं,
सुनकर तेरी बाते;
कम लगते हैं पल,
कम लगती हैं राते !

2878
"हर मर्ज़का इलाज,
नहीं होता दवाख़ानेमें,
कुछ दर्द चले जाते हैं,
सिर्फ़ मुस्कुरानेमें.......!!!"

2879
हाल--दिल,
कुछ इस तरह जानता हैं वो;
बिन रोये भी,
अश्क़ मेरे पहचानता हैं वो !!!

2880
जाते जाते उसने,
पलटकर इतना ही कहा मुझसे,
मेरी बेवफाईसे ही मर जाओगे,
या मारके जाऊँ.......

13 June 2018

2871 - 2875 दिल अहसास याद हिचकियाँ मौजूद कदम निशान हाल राह तन्हा शायरी


2871
हिचकियाँ हमनें भी,
ना रोकी ये सोंच कर कि...
ज़रा देखें कोई किस हद तक,
हमें याद करता हैं.......।

2872
हम तो बिछडे थे,
तुमको अपना अहसास दिलानेके लिए,
मगर तुमने तो,
मेरे बिना जीना ही सिख लिया।

2873
अभी तक मौजूद हैं,
इस दिलपर तेरे कदमोंके निशान,
हमने तेरे बाद किसीको,
इस राहसे गुजरने नहीं दिया...!

2874
पास बैठकर पुछोगी,
तो, सुनाये हाले दिल...
दुरसे पुछोगी,
तो, अच्छा ही कहेगे.......।

2875
गुजरती हैं मेरी कैसे,
हर एक शाम तेरे बगैर...
अगर तुम देख लेते तो,
कभी तन्हा छोड़ते.......

2866 - 2870 जिंदगी मुसाफ़िर आँख कश्ती पागल आँसूं अदा आदत रग होंठ शायरी


2866
जिंदगी, मैं भी
मुसाफ़िर हूँ... तेरी कश्तीका,
तू जहाँ मुझसे कहेगी,
मैं उतर जाऊँगा !

2867
उनकी आँखोंमें समा जाऊँगा,
जलकी तरह,
वो ढूँढती रह जायेगी मुझे,
पागलकी तरह.......!

2868
आँसूं तब नहीं आते,
जब आप किसीको खो देते हो,
आँसूं तब आते हैं,
जब खुदको खोकर भी...
किसीको पा नहीं सकते...!

2869
तेरी अदा समझमें आती हैं,
ना आदत...
ज़िन्दगी,
तू हर रोज़ नयी सी, और...
मैं हर रोज़ वही उलझासा...!

2870
काश ! मैं भी
पानीका एक घूँट होता...
तेरे होंठोंसे लगता...
और तेरी रग-रगमें समा जाता...!

12 June 2018

2861 - 2865 मोहब्बत ज़िन्दगी दुनियाँ आँख ख़्वाब क़त्ल गवाह बातें मतलब असर तकलीफ एहसास हाल शायरी


2861
ना गवाह मिलता हैं,
ना ही लाश मिलती हैं...
"शायद इसलिए लोग,
एहसासका क़त्ल करते हैं...!"

2862
ख़्वाबसे होते हैं कुछ लोग...
सिर्फ़ आँखोंमें ही रहते हैं,
ज़िन्दगीमें नहीं.......!

2863
वो बार-बार पूँछता हैं,
कि क्या हैं मोहब्बत...?
अब क्या बताऊँ उसे कि,
उनका पूँछना और
मेरा बता पाना ही...
मोहब्बत हैं.......!

2864
यूँ असर डाला हैं,
मतलब-परस्तीने दुनियाँपर ग़ालिब,
कि हाल पूछो तो लोग समझते हैं...
कोई काम होगा !

2865
अजनबी लोगोंसे
बातें करना पसंद हैं मुझे;
अपना बनकर बेगाना होनेकी,
ये तकलीफ तो नहीं देते...!

9 June 2018

2856 - 2860 दिल बात दिन रात किस्मत खुबसुरत अदालत फैसले मंजूर आँख ख़याल ज़माना पत्थर शायरी


2856
आधा बुझा दिन मिलता हैं,
आधी जली रातसे,
और वो कहते हैं की,
क्या खुबसुरतसी शाम हैं

2857
काग़ज़पें तो,
अदालत चलती हैं...
हमने तो तेरी आँखोंके,
फैसले मंजूर किये।

2858
दिलसे पूछो तो,
आज भी तुम मेरे ही हो...
ये ओर बात हैं कि,
किस्मत दग़ा कर गयी।

2859
हँसी यूँ ही नहीं आई,
इस खामोश चेहरेपर...
कई जख्मोंको सीनेमें,
दबाकर रख दिया हैं हमने...

2860
शायद ये ज़माना,
उन्हें भी पूजने लगे,
कुछ लोग इसी ख़यालसे,
पत्थरके होने लगे.......

8 June 2018

2851 - 2855 दिल मोहब्बत मशहूर मदहोश दर्द एहसास दुनियाँ साथ खामोश लफ़्ज़ जज़्बात शायरी


2851
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर हैं दोस्तो,
इलज़ाम सौ तरहके मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ासा अपनी चाल बदलकर चलो,
सीधे चले तो मुमकिन हैं पीठमें खंज़र भी आयेंगे।

2852
इतनी पीता हूँ कि,
मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ...
पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं,
मुझे गिरानेकी कोशिश...
मैं अक्सर उन्हीके साथ रहता हूँ।

2853
टूटा हो दिल तो दुःख होता हैं,
करके मोहब्बत किसीसे ये दिल रोता हैं,
दर्दका एहसास तो तब होता हैं,
जब किसीसे मोहब्बत हो और...
उसके दिलमें कोई और होता हैं

2854
हाथ थामे रखना,
दुनियाँमें भीड़ भारी हैं...
खों ना जाऊ कहीं मैं,
ये जिम्मेदारी तुम्हारी हैं...!

2855
एहसासोंकी अगर जुबाँ होती,
दुनियाँ फिर खूबसूरत कहाँ होती,
लफ़्ज़ बन जातें हैं पर्दे जज़्बातके,
अजी फिर कैसे ये मोहोब्बत बयाँ होती !

7 June 2018

2846 - 2850 दिल वक्त बेवफाई यकीन फ़िक्र जिक्र खुशी बिखर ज़ुल्फ़ चेहरा याद शायरी


2846
तुमने भी उस वक्त,
बेवफाई की,
जब यकीन,
आखिरी मुकामपर था...

2847
फ़िक्र तो तेरी आज भी हैं,
बस.......
जिक्रका हक नहीं रहा...।

2848
वो कहते हैं हम जी लेंगे,
खुशीसे तुम्हारे बिना;
हमें डर हैं वो टूटकर,
बिखर जायेंगे हमारे बिना...।

2849
चूम लेती हैं लटककर,
कभी चेहरा... कभी लब...
तुमने ज़ुल्फ़ोंको बहुत,
सरपें चढा रखा हैं.......!!!

2850
जबभी तेरी याद आती हैं,
तब मैं अपने दिलपें हाथ रखता हूँ...
मुझे पता हैं,
तू हीं नहीं मिली तो...,
यहाँ ज़रूर मिलेगी.......!

6 June 2018

2841 - 2845 प्यार मोहब्बत विश्वास शिकायत ऐतबार यकीन उम्मीद तड़प इंतज़ार लफ़्ज़ क़िरदार शायरी


2841
शिकायतें वहां होती हैं,
जहां ऐतबार ना हो,
मेरा तो यकीन ही तुम हो,
तो शिकायत कैसी...

2842
प्यार और विश्वासको,
हो सके तो कभी ना खोयें;
क्योंकि प्यार हर किसीसे होता नहीं और
विश्वास हर किसीपें होता नहीं...

2843
ना कोई उम्मीद, ना तड़प,
ना ही इंतज़ार किसीका,
कितना अच्छा होगा वो जहाँ...
जहाँ मोहब्बत नहीं होगी !!!

2844
मेरे लफ़्ज़ोंसे कर,
मेरे क़िरदारका फ़ैसला।
तेरा वज़ूद मिट जायेगा,
मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।

2845
फिजाओंसे उलझकर,
एक हसीं यह राज़ जाना हैं !
जिसे कहतें हैं मोहब्बत,
वह नशा ही कातिलाना हैं...!

5 June 2018

2836 - 2840 ज़िन्दगी महोब्बत सपने फ़िज़ूल क़ैद सलाख़े आँख़े दाग शायरी


2836
- खुदा ज़िन्दगीमें फिरसे कोई,
ऐसा मोड़ ना आये l
की शायरी करते करते,
किसीसे फिरसे महोब्बत हो जाये.......ll

2837
अपनोंको दूर होते देखा,
सपनोंको चूर होते देखा;
अरे लोग कहते हैं फ़िज़ूल कभी रोते हीं,
हमने फूलाेंको भी तन्हाईयाेंमें रोते देखा !

2838
क़ैदख़ानें हैं,
बिन सलाख़ोंके...
कुछ यूँ चर्चें हैं,
तुम्हारी आँखोंके.......

2839
टूटे हुए काँचकी तरह,
चकना चूर हो गए...!
किसीको लग ना जायें इसलिए...
सबसे दूर हो गये...!

2840
मुहब्बत थी तो,
चाँद अच्छा था;  
उतर गई तो,
दाग दिखने लगे...!

4 June 2018

2831 - 2835 दिल मोहब्बत धड़कन महबूब तलाश याद बात नाम पत्थर दुनियाँ जज़्बात तन्हा दर्द मुद्दत शहर शायरी


2831
सिर्फ गुलाब देनेसे अगर,
मोहब्बत हो जाती,
तो माली सारेशहर’ का,
महबूब बन जाता.......

2832
ढूंढ तो लेते तुम्हे हम,
शहरमें भीड़ इतनी भी थी,
पर रोक दी तलाश हमने क्यूंकि...
तुम खोये नहीं थे, खोना चाहते थे !

2833
तुझे याद करना करना,
अब मेरे बसमें कहाँ...
दिलको आदत हैं,
हर धड़कनपें तेरा नाम लेनेकी...!

2834
पत्थरकी दुनियाँ जज़्बात हीं समझती,
दिलमें क्या हैं वो बात हीं समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारोंके बीचमें हैं,
पर चाँदका दर्द वो रात हीं समझती...

2835
मुद्दतों बाद लौटे हैं,
तेरे शहरमें,
एक तुझे छोड़...
और तो कुछ बदला नहीं.......!