2 August 2018

3101 - 3105 दिल मोहब्बत अजीब आवाज़ एहसान नफरत ठोकर किस्मत बारीश ख्वाहिश पलके कशमकश शायरी


3101
अजीब शर्त रख दी,
दिल-दारने मिलनेकी,
सूखे पत्तोंपर चल कर आना,
और आवाज़ भी हो.......

3102
बडा एहसान हैं,
तेरी नफरतोंका मुझपें;
ऐसी ठोकर लगी की,
चलना सिखा दिया।

3103
छोड दो ठोकरमें मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे;
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे...

3104
किस्मतकी बारीश,
कुछ ऐसी होती हीं मुझपर की...
ख्वाहिशें सुखती हीं और,
पलके भिगती हीं

3105
हीं होकर भी नहीं हूँ,
कहीं होकर भी हूँ...
बड़ी कशमकशमें हूँ कि,
कहाँ हूँ और कहाँ नहीं हूँ !!!

1 August 2018

3096 - 3100 दिल प्यार आदत इंतज़ार अहसास अहमियत इल्ज़ाम दर्द काँटें ज़ख्म अजीब शर्त नजाकत आँख शरारत करीब निशानी शायरी


3096
किसीके लिये किसीकी,
अहमियत खास होती हैं;
एकके दिलकी चाबी,
हमेशा दूसरेके पास होती हैं !

3097
इल्ज़ाम तो हर हालमें,
काँटोंपें ही लगेगा;
ये सोचकर अक्सर फूल भी,
चुपचाप ज़ख्म दे जातें हैं !

3098
"मिलनेकी उसने,
अजीब शर्त रखी थी !
काटोंपें चलके आओ,
मगर खून निकले !!!"

3099
दूर रहकर करीब रहना,
नजाकत हैं मेरी...
याद बनकर आँखोंसे बहना,
शरारत हैं मेरी...
करीब ना होते हुए भी,
करीब पाओगे;
क्योकि...
अहसास बनकर दिलमें रहना,
आदत हैं मेरी.......

3100
इस बहते दर्दको मत रोको,
यह तो सज़ा हैं किसीके इंतज़ारकी...
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी...
पर यह तो निशानी हैं किसीके प्यारकी !!!

31 July 2018

3091 - 3095 प्यार एहसास दर्द मुस्कान रिश्ते जुबां खंजर जख्म सड़क कत्ल सुकून शायरी


3091
मेरा दर्द तो...
सिर्फ मेरा खुदा जानता हैं;
तुमने तो सिर्फ...
मेरी मुस्कान देखी हैं...!

3092
गिरी मिली सड़कपर,
एक बोतल शराबकी,
तो ऐसा लगा जैसे...
बिखरा पड़ा था,
एक रातका...
सुकून किसीका !!!

3093
जरासी जेब क्या फटी...?
सिक्कोंसे ज्यादा
रिश्ते गिर पडे.......

3094
जुबां तीखी हो...
तो खंजरसे गहरा जख्म देती हैं;
और मीठी हो,
तो वैसे ही कत्ल कर देती हैं.......

3095
प्यार वो प्यारा एहसास हैं,
जिसमें...
हम खुदको भुला देते हैं,
किसी औरके लिए.......!

30 July 2018

3086 - 3090 इश्क आँसू होंठ ख्वाब आँख नींद तकलीफ वक़्त मुख़्तसर उम्र नादान एहसास शायरी


3086
आँसू निकल पडे ख्वाबमें,
उनको दूर जाते देखकर;
आँख खुली तो एहसास हुआ,
इश्क सोते हुए भी रुलाता हैं...

3087
नींद तो रोज़,
अपने वक़्तपर जाती हैं...
अक्सर आँखोंको ही,
देर हो जाती है सोनेमें.......!!!

3088
तुझसे नहीं,
वक़्तसे नाराज हूँ मैं...
जो मेरे लिए,
तुम्हे कभी वक़्तपर मिला ही नहीं...

3089
मुख़्तसरसी बात कहनेमें,
कितनी तकलीफ उठा रखी हैं...
तूने आँखोंमें छिपा रखी हैं,
मैने होंठोपें दबा रखी हैं.......

3090
उम्र कहती हैं अब,
संजीदा हुआ जाये!
मन कहता हैं, उम्र खत्म हो रही हैं,
नादानियाँ कुछ और कर लें !!!

28 July 2018

3081 - 3085 परवाह विश्वास रिश्ते वक़्त झुठे पत्थर वाकिफ़ फासला अजीज घाव लगाव कड़वा लहजे जुबां कसूर वज़ीर शायरी


3081
उनकी 'परवाह' मत करो,
जिनका 'विश्वास' " वक़्त " के साथ बदल जाये.
'परवाह' सदा 'उनकी' करो,
जिनका 'विश्वास' आपपर तब भी रहे,
जब आपका  वक़्त  बदल जाये l

3082
झुठे हैं वो जो कहते हैं...
हम सब मिट्टीसे बने हैं,
मैं कई अपनोंसे वाकिफ़ हूँ,
जो पत्थरके बने हैं...!

3083
चंद फासला रखिए,
रिश्तोंके दरमियान..
बदलने वाले अक्सर
बेहद अजीज ही हुआ करते हैं..!!

3084
"चंद फासला जरूर रखिए 
हर रिश्तेके दरमियान!
क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें 
चाहे जितना भुलाओ....!...
..एक "घाव"और दूसरा "लगाव"...
बेअदबी नीमकी नहीं कि वो कड़वा हैं...

3085
खुदगर्ज़ जुबांको केवल मीठा ही पसन्द हैं...
तरक्कीकी फसल हम भी काट लेते,
थोडेसे तलवे अगर हम भी चाट लेते...
हाँ ! बस मेरे लहजेमें जी हुजूर न था,
इसके अलावा मेरा कोई कसूर न था..
अगर पलभर को भी मैं बे-जमीर हो जाता,
यकीन मानिए, मैं कबका वज़ीर हो जाता...l

3076 - 3080 मोहब्बत रुह ख्वाइशें आसमान चाँद पुकार खबर मौसम ताल्लुक कमजोरी वजह बारिश शायरी


3076
मेरी ख्वाइशें तो,
आसमानतक पहुचनेकी हैं ...
पर मेरा चाँद ही,
धरतीपर हैं.........

3077
मैं क्यों पुकारू तुझे,
कि लौट भी आओ...
तुझे भी तो खबर हैं कि,
मेरे पास कुछभी नहीं तेरे सिवा…

3078
मोहब्बत रुहमें,
उतरा हुआ मौसम हैं जनाब...
ताल्लुक कम करनेसे,
मोहब्बत कम नहीं होती...!

3079
तेरी कमी आज भी कोई पूरी नहीं कर
सकता...
पता नहीं वजह तेरी खूबी हैं या मेरी
कमजोरी...

3080
जरा ठहरो के बारिश हैं,
ये थम जाएँ तो फिर जाना...
किसीका तुमको छू जाना,
मुझे अच्छा नहीं लगता...

27 July 2018

3071 - 3075 दिल मोहब्बत इश्क़ जिंदगी साँसें दर्द ओठ मजबुरी मंजील मुश्किल हकीकत शायरी


3071
ओठोंकी भी क्या मजबुरी हैं।
मोहब्बतमें वहीं बात छुपाई जाती हैं
जो कहना जरुरी होती हैं।

3072
इश्क़ मरता कहाँ हैं,
ये तो दो टुकड़ोंमें जिया करता हैं...

3073
मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
दर्द था दिलमें, पर हम रोये नहीं…
कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
जाग रहे हो किसीके लिए..या किसीके लिये सोये नहीं…

3074
मरता नहीं कोई.......
किसीके बग़ैर ये हकीकत हैं जिंदगीकी..
लेकिन.... सिर्फ़ साँसें चलनेको
जीना तो नहीं कहते.....

3075
चलो मान लिया
हमें मोहब्बत करना नहीं आता.....
लेकीन ये तो बताओ
तुम्हे दिल तोडना किसने सिखाया...

26 July 2018

3066 - 3070 दिल होठ ख्वाहिश उम्र आसमान जिंदगी बाजार समझौता अल्फाज इन्सान अखबार शायरी


3066
सूखे होठोंसे ही,
होती हैं मीठी बातें...
प्यास बुझ जाये तो,
अल्फाज और इन्सान दोनों बदल जाते हैं...

3067
भूलकर भी अपने दिलकी बात,
किसीसे मत कहना;
यहाँ कागज भी जरासी देरमें,
अखबार बन जाता हैं

3068
हर पतंग जानती हैं ।
अंतमें कचरेमें जाना हैं ।
लेकिन उसके पहले हमे...
आसमान छूकर जाना हैं।
" बस जिंदगी भी यहीं चाहती हैं !"

3069
मैं अब भी बाजारसे,
अक्सर खाली हाथ लौट आता हूँ;
पहले पैसे नहीं थे,
अब ख्वाहिशें नहीं रही.......!

3070
ज्यादा कुछ नहीं बदलता
उम्रके साथ...
बस, बचपनकी जिद...
समझौतोंमें बदल जाती हैं ।।

24 July 2018

3061 - 3065 दिल ताजमहल मुमताज बोतल शराब शरीफ जाम शराब फ़ैसला मुश्किल मुक़दर जुदाई सफ़र रंजिश वफ़ा दामन रिश्ते नाम इश्क तबियत दगाबाज मिजाज भरोसा शायरी


3061
हर छलकती बोतल शराब नहीं होती,
हर खिलती हुई कलि गुलाब नहीं होती।
चाहते तो ताजमहल हम भी बनवा देते लेकिन...
हर एक लड़की मुमताज नहीं होती।।

3062
वो बर्फ़का शरीफ टुकड़ा,
जाममें क्या गिरा...
धीरे धीरे, खुद--खुद,
शराब हो गया.......!

3063
खुदा, आज ये फ़ैसला कर दे,
उसे मेरा... या मुझे उसका कर दे।
बहुत दुख सहे हैं मैने,
कोई ख़ुशी अब तो मुक़दर कर दे।
बहुत मुश्किल लगता हैं,
उससे दूर रहना...
जुदाईके सफ़रको कम कर दे।
नही लिखा अगर नसीबमें उसका नाम,
तो मुझे फ़ना कर दे.......।।

3064
ज़रासी रंजिशपें,
छोड़ो वफ़ाका दामन,
उमरें बीत जाती हैं,
दिलोके रिश्ते बनानेमें...

3065
इश्क और तबियतका,
कोई भरोसा नहीं;
मिजाजसे दोनों ही,
दगाबाज हैं जनाब.......

3056 - 3060 दिल प्यार इश्क याद ख़याल आरजू इज़हार जुस्तजू बात आँख ज़िंदगी दास्तान नादान ज़िक्र दर्द शायरी


3056
ना कियाकर अपने दर्दको,
शायरीमें ब्यान ये नादान दिल;
कुछ लोग टुट जाते हैं,
इसे अपनी दास्तान समझकर...!

3057
ज़िंदगीमें अगर तुम अकेले हो,
तो प्यार करना सिख़लो;
और प्यार कर लिया हैं,
तो इज़हार करने भी सिख़लो;
अगर इज़हार करना नही सीखा तो,
ज़िंदगीभर प्यारके यादोंमें,
रोना सिख़लो.......

3058
तेरा ख़याल, तेरी आरजू गयी,
मेरे दिलसे तेरी, जुस्तजू गयी,
इश्कमें सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने...
मगर तेरे प्यारकी आरजू गयी.......

3059
वो लोग बहुत ही ख़ास होते हैं,
हमारी जिंदगीमें...
जो अपनी नींदे भूल जाते हैं,
हमसे बात करनेके लिए.......!

3060
फिरसे मेरी आँखोंमें,
गीलापन उतर आया;
जब बातों-बातोंमें,
आज तेरा ज़िक्र आया.......!

22 July 2018

3051 - 3055 दिल मोहब्बत तलाश दर्द मोहब्बत महफील यार बात शायरी


3051
तलाश कर मेरी कमीको,
अपने दिलमें एक बार;
दर्द हो तो समझ लेना,
मोहब्बत अभी बाकी हैं...!

3052
लगती हैं बोलीया जहाँ,
दर्दकी यारों...
हम उसे.......
महफील कहते हैं !!!

3053
मोहब्बत आज भी करते हैं,
एक दूसरेसे.......
मना वो भी नहीं करते; और
बयाँ हम भी नहीं करते...!!!

3054
अब मरते नहीं,
तो क्या करते यारो...
वो ज़ोरसे गले लगकर...
मेरे कान में धीरे से बोली,
"अगले जन्ममें तो पक्की तेरी..."

3055
मोहब्बत सिर्फ देखने,
या मिलनेसे नहीं होती,
कभी कभी.......
बातोंसे भी हो जाती हैं...!!!

3046 - 3050 जमाने शुक्रिया शिक़ायत एहसास गुनाह शिक़ायतें हिचकियॉं पत्थर क़त्ल गम बात शायरी


3046
दिलमें आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादोंमें आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;
पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

3047
गुनाह क़ुछ हमसे हो गए,
यूँ अनज़ानेमें...
फूलोंक़ा क़त्ल क़र दिया,
पत्थरोंक़ो मनानेमें......


3048
बहोत अंदर तक़,
ज़ला देती हैं...
वो शिक़ायतें,
ज़ो बया नहीं होती ll
                           ग़ुलज़ार


3049
वो जो कहती थी के
तू न मिला तो मर जाएंगे हम...
वो आज भी ज़िंदा हैं
ये बात किसी औरसे कहनेके लिए...

3050
गम मिलते हैं तो,
और निखरती हैं शायरी...
यह बात हैं तो,
सारे जमानेका शुक्रिया.......!

20 July 2018

3041 - 3045 दुनिया रिश्ते साँस चाकू खंजर तीर तलवार लफ़्ज़ मुश्किल गैर शुक्रिया गुलाब शायरी


3041
चाकू, खंजर, तीर और तलवार
लड़ रहे थे.......
कि कौन ज्यादा गहरा घाव देता हैं...
और लफ़्ज़ पीछे बैठे मुस्कुरा रहे थे...!!!

3042
दुनियाका सबसे मुश्किल काम
करने लगा हूँ मैं;
बस अपने कामसे काम,
रखने लगा हूँ मैं.......!

3043
जब तक साँस हैं, टकराव मिलता रहेगा,
जब तक रिश्ते हैं, घाव मिलता रहेगा;
पीठ पीछे जो बोलते हैं, उन्हें पीछे ही रहने दे...
रास्ता सही हैं तो, गैरोंसे भी लगाव मिलता रहेगा...!

3044
जो निभा दे साथ जितना,
उस साथका भी शुक्रिया;
छोड़ दे जो बीचमें,
उस हाथका भी शुक्रिया.......!

3045
कभी ना कहो कि,
दिन अपने खराब हैं;
समझ लो कि हम,
काटोंसे घिर गए गुलाब हैं...!