3041
चाकू, खंजर, तीर और
तलवार
लड़ रहे
थे.......
कि कौन ज्यादा
गहरा घाव देता
हैं...
और लफ़्ज़ पीछे
बैठे मुस्कुरा रहे
थे...!!!
3042
दुनियाका सबसे मुश्किल काम
करने लगा हूँ मैं;
बस अपने कामसे काम,
रखने लगा हूँ मैं.......!
3043
जब तक साँस
हैं, टकराव मिलता
रहेगा,
जब तक रिश्ते
हैं, घाव मिलता
रहेगा;
पीठ पीछे जो
बोलते हैं, उन्हें
पीछे ही रहने
दे...
रास्ता सही हैं तो, गैरोंसे
भी लगाव मिलता
रहेगा...!
3044
जो निभा दे
साथ जितना,
उस
साथका भी
शुक्रिया;
छोड़ दे
जो बीचमें,
उस
हाथका भी
शुक्रिया.......!
3045
कभी ना कहो
कि,
दिन अपने खराब हैं;
समझ लो कि
हम,
काटोंसे घिर गए गुलाब
हैं...!
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