30 July 2018

3086 - 3090 इश्क आँसू होंठ ख्वाब आँख नींद तकलीफ वक़्त मुख़्तसर उम्र नादान एहसास शायरी


3086
आँसू निकल पडे ख्वाबमें,
उनको दूर जाते देखकर;
आँख खुली तो एहसास हुआ,
इश्क सोते हुए भी रुलाता हैं...

3087
नींद तो रोज़,
अपने वक़्तपर जाती हैं...
अक्सर आँखोंको ही,
देर हो जाती है सोनेमें.......!!!

3088
तुझसे नहीं,
वक़्तसे नाराज हूँ मैं...
जो मेरे लिए,
तुम्हे कभी वक़्तपर मिला ही नहीं...

3089
मुख़्तसरसी बात कहनेमें,
कितनी तकलीफ उठा रखी हैं...
तूने आँखोंमें छिपा रखी हैं,
मैने होंठोपें दबा रखी हैं.......

3090
उम्र कहती हैं अब,
संजीदा हुआ जाये!
मन कहता हैं, उम्र खत्म हो रही हैं,
नादानियाँ कुछ और कर लें !!!

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