2 July 2018

2956 - 2960 दिल नज़र खूबसूरत अंदाज़ तकदीर अजीब बात धोखा बेपनाह मतलबी काम पत्थर आहिस्ता शायरी


2956
अपनी नज़रसे ना देख,
अपनी खूबसूरतीको,
तुझे हीरा भी पत्थर लगेगा !
लोग कहते हैं,
तू चाँदका टुकड़ा हैं;
मगर तू मेरी नज़रसे देख,
चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा !!!

2957
आहिस्ता बोलनेका,
उनका अंदाज़ भी कमाल था,
कानोने कुछ सुना नहीं और,
दिल सब समझ गया...!

2858
तकदीरको कुछ इस तरहसे,
अपनाया हैं मैने,
जो नहीं था तकदीरमें,
उसे भी बेपनाह चाहा हैं मैने...

2859
हम मतलबी नहीं,
कि चाहने वालेको धोखा दें...
बस हमें समझना,
हर किसीके बसकी बात नहीं...!

2960
अजीब तरहसे,
नाकाम रहें हम दोनों;
तु मुझे चाह ना सकी,
और मैं तुझे भूला ना सका !

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