24 July 2018

3056 - 3060 दिल अक़ेलेपन शौक़ समझ यार तोहफा प्यार इश्क चाह याद ख़याल आरजू इज़हार जुस्तजू बात आँख ज़िंदगी ज़िक्र शायरी


3056
मेरे अक़ेलेपनक़ो,
मेरा शौक़ ना समझो यारो…
बड़े हीं प्यारसे तोहफा दिया हैं…
क़िसी चाहनेवालेने...!!

3057
ज़िंदगीमें अगर तुम अकेले हो,
तो प्यार करना सिख़लो;
और प्यार कर लिया हैं,
तो इज़हार करने भी सिख़लो;
अगर इज़हार करना नही सीखा तो,
ज़िंदगीभर प्यारके यादोंमें,
रोना सिख़लो.......

3058
तेरा ख़याल, तेरी आरजू गयी,
मेरे दिलसे तेरी, जुस्तजू गयी,
इश्कमें सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैने...
मगर तेरे प्यारकी आरजू गयी.......

3059
वो लोग बहुत ही ख़ास होते हैं,
हमारी जिंदगीमें...
जो अपनी नींदे भूल जाते हैं,
हमसे बात करनेके लिए.......!

3060
फिरसे मेरी आँखोंमें,
गीलापन उतर आया;
जब बातों-बातोंमें,
आज तेरा ज़िक्र आया.......!

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