7 July 2018

2981 - 2985 दिल प्यार मोहब्बत साँस तन्हाई खुशबू महक याद जुबान आँखें आसमान शायरी


2981
आखरी साँसके,
टूटनेसे पहेले भी...
तुझसे पानीकी जगह,
प्यार ही माँगेंगे.......!

2982
होते नहीं तबादले,
मोहब्बत करने वालोके;
वो आधी रातको भी,
तन्हाईमें तैनात मिला करते हैं...!

2983
खुशबू तेरी प्यारकी मुझे महका जाती हैं,
तेरी हर बात मुझे बहका जाती हैं,
साँस तो बहुत देर लेती हैं आनेमें,
हर साँससे पहले तेरी याद जाती हैं

2984
मैं क्या करू,
ये रिवायतें मुझे नहीं आती;
बात जो दिलमें आती हैं,
जुबान कह जाती हैं.......!

2985
आँखें थक गई हैं,
आसमानको तकते तकते;
वो तारा नहीं टूटता,
जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ।

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