3026
जिंदगी बहोत खूबसूरत
हैं,
सब कहते थे...
बस..... तुझे देखा
और,
यकीन हो गया.......!
3027
ऐ चाँद चमकना
छोड़ दे,
तेरी चाँदनी हमको सताती
हैं;
तेरे जैसा ही
उसका चेहरा हैं,
तुझे देखके
वो याद आती
हैं...!
3028
हम भी फूलोंकी तरह,
कितने
बेबस हैं...
कभी किस्मतसे टूट
जाते हैं,
कभी
लोग तोड़ जाते
हैं...
3029
कुछ बुंदे पानीकी,
ना जाने कबसे रुकी हैं
पल्कोंपर;
ना ही कुछ
कह पाती हैं,
और... ना ही
बह पाती हैं.......!
3030
सुनो हवाओ...
चिरागोंको छोड़ दो
तन्हा;
जो जल रहे
हैं,
उन्हें और क्या
आज़माना.......!
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