16 July 2018

3026 - 3030 जिंदगी खूबसूरत यकीन चमक चाँद चेहरा याद बेबस किस्मत बुंदे चिराग आज़मा शायरी


3026
जिंदगी बहोत खूबसूरत हैं,
सब कहते थे...
बस..... तुझे देखा और,
यकीन हो गया.......!

3027
चाँद चमकना छोड़ दे,
तेरी चाँदनी हमको सताती हैं;
तेरे जैसा ही उसका चेहरा हैं,
तुझे देखके वो याद आती हैं...!

3028
हम भी फूलोंकी तरह,
कितने बेबस हैं...
कभी किस्मतसे टूट जाते हैं,
कभी लोग तोड़ जाते हैं...

3029
कुछ बुंदे पानीकी,
ना जाने कबसे रुकी हैं पल्कोंर;
ना ही कुछ कह पाती हैं,
और... ना ही बह पाती हैं.......!

3030
सुनो हवाओ...
चिरागोंको छोड़ दो तन्हा;
जो जल रहे हैं,
उन्हें और क्या आज़माना.......!

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