15 February 2019

3921 - 3925 मोहब्बत याद सुकून गम इलाज़ रूह तलब आँसु पत्थर आदत दीदार ख्वाहिश फुरसत दिल शायरी


3921
तुझे याद कर लूँ,
तो मिल जाता हैं सुकून दिलको;
मेरे गमोंका इलाज़ भी,
कितना सस्ता हैं.......!

3922
कोई रूहका तलबगार मिले,
तो हम भी मोहब्बत कर ले...
यहाँ दिल तो बहुत मिलते हैं,
बस कोई दिलसे नहीं मिलता...!

2923
तेरी यादमें आँसुओंका समंदर बना लिया,
तन्हाईके शहरमें अपना घर बना लिया;
सुना हैं लोग पूजते हैं पत्थरको,
इसलिए तुझसे जुदा होकर,
दिलको पत्थर बना लिया...!

3924
मेने तुझे अपनी आदत बनाई हैं,
और दिलने कहाँ,
अच्छी आदत बदलनी हीं चाहिए...

3925
आज दिलने तेरे दीदारकी,
ख्वाहिश रखी हैं...
मिले अगर फुरसत तो,
ख्वाबोमें जाना.......!

14 February 2019

3916 - 3920 चूल्हा तड़प सुबह हौसला डर नाम बिछड इंतजार आँख नूर धडकन रात शायरी


3916
ठण्डा चूल्हा देखकर,
रात गुजारी उस गरीबने;
कमबख्त आग थी की,
पेटमें रात भर जलती रही...!

3917
गुजर जायेगी ये रात भी,
तड़पकर आखिर...
वो याद नहीं करेंगे तो,
क्या मेरी सुबह नहीं होगी...!

3918
"मत डर अंधेरोंसे,
रातके मुसाफिर...
रख हौसला की फिर,
एक नई सुबह होगी...!"

3919
कुछ इस तरह से होती हैं,
मायूस ये हर शाम...
तुमसे बिछडना अब,
नही सहा जाता सरेआम...
रात गुजरती हैं सुबह होती हैं,
बस लेके तेरा ही नाम...
खुदा खैर करे और लिख दे तुम्हे,
सिर्फ मेरे ही नाम.......
भाग्यश्री

3920
रातभर आँखोंको आपका इंतजार रहा,
धडकने बढती गयी के अब तू हैं रहा...
बस रात बढने लगी और आँखोंका नूर घटता रहा,
सुरजकी किरणे आयी पर कंबख्त तू तो आनेसे ही रहा...।
                                                                           भाग्यश्री

13 February 2019

3911 - 3915 नींद करवटे ख्याल जुनून इश़्क सजा सपने रौशनी तमीज़ रात शायरी


3911
तमाम रात करवटे लेकर,
बगैर नींदके सोना कमाल होता हैं...
रात अपनी होती हैं,
और ख्याल उनका होता हैं...!

3912
जुनून--इश़्क था तो...
कट जाती थी रात ख्यालोंमें;
सजा--इश़्क आई तो...
हर लम्हा सदियोंमें लगने लगा...!

3913
" एक दीये ही हैं जो,
रातमें जलते हैं... साहेब, "
वरना जलने वाले तो,
दिन- रात जलते हैं.......। "

3914
जरा तमीज़से बटोरना,
बुझे दियोंको !
इन्होने कल अमावसकी अन्धेरी रातमें...
हमे रौशनी दी थी;
किसी औरको जलाकर,
खुश होना अलग बात हैं,
इन्होने तो खुदको जलाकर...
हमे खुशी दी थी.......।

3915
जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता हैं,
उन्हें रात छोटी लगती हैं;
और...
जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता हैं...
उन्हें दिन छोटा लगता हैं...।

12 February 2019

3906 - 3910 ख़ामोश याद आईने बात शिकवा आँखे मुलाकात शब चर्चा चेहरा गूंज रात शायरी


3906
"रात ख़ामोशसी,
चुपचाप हैं, पर...
शोर तेरी यादोंका,
बेहिसाब हैं..."

3907
याद करेंगे तो,
दिनसे रात हो जायेगी,
आईनेमें देखेंगे तो,
हमसे बात हो जायेगी !
शिकवा करीये,
हमसे मिलनेका,
आँखे बंद करीये तो...
हमसे मुलाकात हो जायेगी...!

3908
कल चौदहवींकी रात थी,
शबभर रहा चर्चा तेरा...
कुछने कहा ये चाँद है,
कुछने कहा चेहरा तेरा...!

3909
पर इतनी भी ना,
बेसब्रीमें झटसे गुजर रात;
कुछ लम्हे तो जी भरके,
जीने दे मुझे मेरे यारके साथ.......

3910
रातके आखरी पहर,
सन्नाटोंके बीच...
गूंजता हैं जो तुम्हारे कानोमें,
जिसे तुम सुनकर...
अनसुना कर देते हो,
वहीं हूँ मैं.......!

11 February 2019

3901 - 3905 ख्वाहिश हैरत रिश्ता शख्स तलाश सुबह जिंदगी खुबसुरत जिक्र याद रात शायरी


3901
मैं हर रात सारी ख्वाहिशोंको,
खुदसे पहले सुला देता हूँ...
हैरत यह कि हर सुबह ये,
मुझसे पहले जाग जाती हैं...!


3902
दिनसे रिश्ता हैं,
रातसे रिश्ता हैं;
हर शख्सका इस दुनियामें...
हालातसे रिश्ता हैं.......

3903
ना जाने किस रैन बसेरेकी,
तलाश हैं इस चाँदको;
रातभर बिना कम्बल,
भटकता रहता हैं इन सर्द रातोंमें !

3904
हम तुझे कैसे बताएँ,
तुझमें क्या क्या बात हैं,
तू सुबह हैं,
दोपहर हैं,
शाम भी हैं,
रात हैं.......!

3905
जिंदगी बहोत खुबसुरत होती,
अगर...
रात रात होती,
तुम्हारा जिक्र ना होता,
और तुम्हारी याद होती...

10 February 2019

3896 - 3900 सोच ग़म रोऐं दीवार बात प्यार वज़ह परेशान वादा रात शायरी


3896
सोचता हूँ कि,
कुछ ऐसा लिख दूँ...
जिसे पढ़कर वो रोऐं भी ना...!
और रातभर सोयें भी ना.......!

3897
कल रात मैने अपने सारे ग़म,
कमरेकी दीवारपर लिख डाले;
बस फिर हम सोते रहे और...
दीवारे रोती रहीं.......

3898
आज भी गर तुमसे,
मेरी बात हुई,
समझो कि मेरे लिए,
आज रात हुई...

3899
ये रात हमसे बहुत,
प्यार करती हैं...
सबको सुलाकर हमसे,
अकेलेमें बात करती हैं...

3900
बेवज़ह परेशान हूँ रातमें,
मिलनेका वादा तो उसने,
कभी किया ही नहीं.......

9 February 2019

3891 - 3895 खुशबू लफ़्ज़ चाँद इन्तज़ार शाम गायब दिल नींद रात शायरी


3891
"लगता हैं मेरी नींदका,
किसीके साथ चक्कर चल रहा हैं...
सारी-सारी रात,
गायब रहती हैं.......!"

3892
शाम कबकी ढल चुकी हैं,
इन्तज़ारमें...
अब भी अगर  ज़ाओ तो,
ये रात बहुत हैं.......!

3893
"तुझे मैं चाँद कहूँ,
ये मुमकिन तो हैं...!
मगर लौग तुम्हे रातभर दैखें...
ये मुझे गँवारा हीं.......

3894
उमरें लगी कहते हुए
दो लफ़्ज़ थे एक बात थी.......
वो एक दिन, सौ सालका,
सौ सालकी वो रात थी.......

3895
रातभर ये मोगरेकी,
खुशबू कैसी थी...
अच्छा ! तो तुम आये थे,
नींदोंमें मेरे ?
                              ग़ुलज़ार

8 February 2019

3886 - 3890 खूबसूरत आँखें पलक आरजु फ़रिश्ते उसूल दिल नींद रात ख्वाब शायरी


3886
किसीने मुझसे कहाँ,
आपकी आँखें बहुत खूबसूरत हैं...!
मैने कहाँ, ये रोज आपका...
ख्वाब जो देखती हैं.......!

3887
हैं आरजु एक रात,
तुम आओ मेरे ख्वाबमें...
बस दुवा हैं उस रातकी,
कभी सुबह ना हो.......!

3888
नींद भी बुरा मानने लगी हैं,
जबसे खुली पलकोंसे,
तुम्हारे ख्वाब देखने लगे हैं.......!

3889
उस रात गरीब माँने,
यह कहके बच्चोंको सुला दिया;
फ़रिश्ते ख्वाबमें आते हैं,
रोटियाँ लेकर.......

3890
चादरसे पैर,
तभी बाहर आते हैं...
जब 'उसूलों' से बड़े,
'ख्वाब' हो जाते हैं.......

7 February 2019

3881 - 3885 हिसाब जिंदगी याद ख्याल मोहब्बत गम तन्हाई आँखें पलक नींद रात ख़्वाब शायरी


3881
ख़्वाब, ख्याल, मोहब्बत...
हकीकत, गम और तन्हाई;
जरा सी उम्र मेरी...
किस किस के साथ गुजर गई.......

3882
जी तो करता हैं,
कि उनके ख़्वाब भी ना देखुँ...
पर क्या करूँ...
ये भी तो इक ख़्वाब ही हैं...!!!

3883
कभी तुम्हारी याद आती हैं,
तो कभी तुम्हारे ख़्वाब आते हैं...
मुझे सतानेके तुम्हे,
तरीक़े तो बेहिसाब आते हैं.......!

3884
हर कोई मुझे जिंदगी जीनेका,
तरीका बताता हैं
उन्हे कैसे समझाऊ की,
एक ख़्वाब अधुरा हैं मेरा...
वरना जीना तो मुझे भी आता हैं...!

3885
देखकर आँखें मेरी,
एक फकीर युँ कहने लगा...
पलकोंपर बरखुदार,
ख़्वाका वजन कुछ कम कीजिये...

6 February 2019

3876 - 3880 दिल किताब प्यार खूबसूरत जबाब वादा रोशनी आँखें नींद रात ख़्वाब शायरी


3876
दिलकी किताबमें गुलाब उनका था,
रातकी नींदमें ख़्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था !

3877
मैं नींदका शोकीन ज्यादा तो हीं...
लेकिन उनके ख़्वाब ना देखूँ तो...
गुजारा हीं होता.......!

3878
तुमने वादा तो किया था,
ख़्वाबमें मिलनेका...
और ख़ुशीके मारे हमें,
नींद ही नहीं आयी.......!

3879
दिनभरकी थकान अब मिटा लीजियॆ,
हो चुकी हैं रात रोशनी बुझा लीजिए
एक खूबसूरत ख़्वाब राह देख रहा हैं आपका,
बस पलक़ोंका पर्दा गिरा लीजिए...

3880
ख़्वाब तो सब मीठे देखे थे,
ताज्जुब हैं.......!
आँखोंका पानी खारा कैसे हो गया.......?