14 July 2019

4486 - 4490 तजुर्बे उम्र अदा गुनाह मंजिल ‪‎अफसोस बात महसुस ख्वाब किस्मत तमन्ना शायरीहैं


4486
खुदा जाने कौनसा गुनाह,
कर बैठे हैं हम कि...
तमन्नाओ वाली उम्रमें,
तजुर्बे मिल रहे हैं.......

4487
तमन्ना तो हर एक,
पंखुडीको सजाके रखनेकी थी...
पर अफसोस की तुमने,
कोई फूलदिया ही नहीं.......

4488
सोचनेसे कहाँ मिलते हैं,
'तमन्नाओं के शहर'...
'चलनेकी जिद' भी जरुरी हैं,
मंजिलोंके लिए.......!

4489
"मेरी हर एक अदामें छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुमने महसुस ना की ये और बात हैं;
मैने हरदम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात हैं;
मैने जब भी तुझसे बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात हैं;
कुदरतने लिखा था मुझको तेरी तमन्नामें,
मेरी किस्मतमें तु ना थी ये और बात हैं...”

4490
ये रुखसार पीलेसे लगते हैं ना,
उदासीकी हल्दी हैं हट जाएगी...
तमन्नाकी लालीको पकने तो दो,
ये पतझड़की छाँव छंट जाएगी...!
                                          गुलजार

4481 - 4485 जिंदगी खुशियाँ मुद्दत चाँद सजदा तलब धड़कन इरादा तमन्ना शायरी


4481
जिसमें तू नहीं, वो तमन्ना अधूरी हैं,
तू जो मिल जाएं, तो जिंदगी पूरी हैं...
तेरे साथ जुड़ी हैं खुशियाँ,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी हैं...

4482
एक मुद्दतसे हम हैं,
उसकी तमन्नामें बेताब...
वो चाँद जो आँगनमें.....
उतरता ही नही हैं.......

4483
तुझे पानेकी तमन्ना हैं,
बस और कुछ नहीं चाहिए...
बता कहाँ कहाँ सजदा करूँ की,
तु मिल जाए मुझे.......!

4484
तलब ये हैं कि,
मैं सर रखूँ तेरे सीनेपे...
और तमन्ना ये कि,
मेरा नाम पुकारे धड़कनें तेरी...!

4485
तमन्ना छोड़ देते हैं,
इरादा छोड़ देते हैं।
चलो एक दूसरेको फिरसे,
आधा छोड़ देते हैं...।।

13 July 2019

4476 - 4480 दिल मुहोब्बत रिश्ते जिंदगी कबूल ख्वाहिश मुश्किल अंदाज शख्स दर्द शायरी


4476
रिश्ते तो बहुत होते हैं,
पर जो दर्द बांटने लगे...
लगे हीं रिश्ता हैं.......!

4477
मैने कभी दर्दकी नुमाइश नहीं की,
जिंदगीसे जो मिला कबूल किया 
किसी चीजकी फरमाइश नहीं की,
मुश्किल हैं समझ पाना मुझे क्योंकि 
जीनेके अलग हैं अंदाज मेरे,
जब जहां जो मिला अपना लिया,
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की ।

4478
हर शख्स परिन्दोंका,
हमदर्द नही होता दोस्तो;
बहुत बेदर्द बैठे हैं दुनियामे,
जाल बिछाने वाले...!

4479
कौन कहता हैं,
दर्दके लिये सिर्फ मुहोब्बत जिम्मेदार होती हैं...
कम्बख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती हैं,
अगर दिलसे हो जाये तों.......!

4480
एक हदके बाद,
दर्द भी दवा बन जाता हैं;
एक हदके बाद,
झूठ भी सच बन जाता हैं;
यही हैं असलियत जिंदगीकी,
एक हदके बाद,
दुश्मन भी दोस्त बन जाता हैं...!

10 July 2019

4471 - 4475 दिल आह इंसान दौलत लाजवाब जिंदगी रोशनी गुजारिश रोशनी दर्द शायरी


4471
सोचता था दर्दकी दौलतसे,
एक मैं ही मालामाल हूँ...!
देखा जो ग़ौरसे तो...
हर कोई रईस निकला.......!!!

4472
देखकर दर्द किसीका,
जो आह दिलसे निकल जाती हैं;
बस इतनीसी बात आदमीको,
इंसान बना जाती हैं.......!

4473
हर दिलके कुछ,
अपने दर्द होते हैं...
कुछके फ़ीके,
कुछके लाजवाब होते हैं...!

4474
दर्दसे दोस्ती हो गई यारो,
जिंदगी बेदर्द हो गई यारो 
क्या हुआ, जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो 

4475
लोग चुराने लगे हैं मेरी शायरी...
गुजारिश हैं,
कभी दर्द भी चुरा लो.......

9 July 2019

4466 - 4470 इश्क़ मुहोब्बत कर्ज रफू गलतियाँ माफ़ी गम साथ दवाई यार दर्द शायरी


4466
-वसीयतें-इश्क़,
हम ही पर कर्ज क्यों...?
वो भी दर्द--किश्त अदा करे,
मुहोब्बत उसे भी तो थी.......!

4467
दर्दको रफू करना तो,
सीख गए थे...
बस अब धागे ही,
खतम हो गए.......

4468
वो गलतियाँ तब,
सबसे ज्यादा दर्द देती हैं...
जब उनकी माफ़ी मांगनेका समय,
निकल जाता हैं.......

4469
गमकी परछाईयाँ,
यारकी रुसवाईयाँ;
वाह रे इश्क़...
तेरा ही दर्द और...
तेरी ही दवाईयाँ.......!

4470
दर्द बनकर ही,
रह जाओ हमारे साथ...
सुना हैं दर्द बहुत देरतक,
साथ रहता हैं.......!

6 July 2019

4461 - 4465 इश्क़ मुहोब्बत बर्बाद खयाल याद कसक करार दवा हद सुकून दर्द शायरी


4461
मुहोब्बतमें हुए बर्बाद शायरोंमें,
मेरा नाम आया;
उन्होंने दिया हुआ दर्द देखे,
मेरे कितना काम आया...!

4462
तुम्हारे पैरोमें,
दर्द नहीं होता क्या...
सारा दिन मेरे खयालोंमें,
घूमती रहती हो.......!

4463
दर्द मीठा हो तो,
रूक रूकके कसक होती हैं...
याद गहरी हो तो,
थम थमके करार आता हैं...!

4464
इशरत--क़तरा हैं,
दरियामें फ़ना हो जाना...
दर्दका हदसे गुज़रना हैं,
दवा हो जाना.......!

4465
मुहोब्बत कभी खत्म नहीं होती,
सिर्फ बढ़ती हैं;
या तो सुकून बनकर,
या दर्द बनकर.......!

4 July 2019

4456 - 4460 फूल काँटे आँख सनम आँसु साथ ख़ुशी दर्द शायरी


4456
हमने काँटोको भी,
नरमीसे छुआ हैं अक्सर...
लोग बेदर्द हैं,
फूलोको मसल देते हैं...

4457
आँखोंसे छलकते हैं,
कागजपर उतरते हैं...
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं,
जो बस भीतर ही पलते हैं...

4458
तुम दर्द देकर भी,
कितने अच्छे लगते हो सनम...
ख़ुदा जाने तुम हमदर्द होते,
तो क्या होता.......!

4459
थोड़ा तो आँसुओंके साथ,
बाहर निकल दर्द...
इतना भी क्यूँ...
जिद्दी बना बैठा हैं सीनेमें...

4460
दर्द ही हैं,
जो जिन्दा रखे हुए हैं वरना...
ख़ुशीके मारे तो...
लोग अक्सर मर जाया करते हैं...!

4451 - 4455 इश्क़ वफ़ा वक़्त साथ ज़ालिम शर्त दवा तमन्नाआशिक दर्द शायरी


4451
"कर लेता हूँ बर्दाश्त,
हर दर्द इसी आसके साथ...
की खुदा नूर भी बरसाता हैं,
आज़माइशोंके बाद......."

4452
शिकवा करें भी तो किससे करें...
ये दर्द भी मेरा और
देने वाला भी मेरा...!

4453
इश्क़ सभीको जीना सीखा देता हैं,
वफ़ाके नामपर मरना सीखा देता हैं;
इश्क़ नही किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता हैं...

4454
दर्द बेचना हैं...
लेकिन एक शर्त हैं की,
खरीदार भी मुझ जैसा,
आशिक हो.......!

4455
हर दर्दकी दवा हो तुम...
आज तक जो मांगी,
मेरी एक लौटी दुआ हो तुम...
तुम्हे मिलनेकी तमन्ना,
नहीं उठती कभी,
क्यूंकि जो हर वक़्त साथ रहती हैं,
वो हवा हो तुम.......

3 July 2019

4446 - 4450 इश्क़ दुनिया कोशिश जुदा वादा याद ज़हर जख्म इंतहा हौसले मुस्कुरा दर्द शायरी


4446
बेदर्द दुनियामें अभी जीना सीख रहा हूँ,
अभी तो मैं दुखोंके जाम पीना सीख रहा हूँ...
कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलानेकी,
अभी तो मैं तेरे झूठे वादोंको भुलाना सीख रहा हूँ...

4447
दर्द देकर इश्क़ने हमे रुला दिया,
जिसपर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया;
हम तो उनकी यादोंमें ही जी लेते थे,
मगर उन्होने तो यादोंमें ही ज़हर मिला दिया...

4448
बहुत जुदा हैं औरोसे,
मेरे दर्दकी कहानी...
जख्मका कोई निशां नहीं,
और दर्दकी कोई इंतहा नहीं...!

4449
दर्द सबके एक मगर...
हौसले सबके अलग अलग हैं;
कोई बिखरके मुस्कुराया तो,
कोई मुस्कुराके बिखर गया...

4450
नियम निभाना तो कोई,
इश्क़से सीखे...
ये कल भी दर्द देता था,
ये आज भी दर्द देता हैं.......

1 July 2019

4441 - 4445 ज़िन्दगी मुस्कुरा मुहब्बत चाह बेरुखी बेफिक्र शौक तलब याद दर्द आदत शायरी


4441
बेफिक्रसी सुबह,
और गुनगुनाहट शामोंकी...
ज़िन्दगी खूबसूरत हैं अगर,
आदत हो मुस्कुरानेकी...

4442
आदत उनकी कुछ,
इस तरह हो गयी...
उनकी बेरुखीसे भी,
मुहब्बत हो गयी.......

4443
दूर हो जानेकी तलब हैं,
तो शौकसे जा...
बस याद रहे की मुड़कर देखनेकी आदत,
इधर भी नही.......

4444
दर्द सहनेकी अब,
कुछ यूँ आदत सी हो गयी हैं कि...
अब दर्द मिले तो,
दर्दसा होता हैं.......

4445
बहुत कुछ बदला हैं,
मैने अपने आपमें, मगर...
तुम्हें वो टूटकर चाहनेकी आदत,
अब तक नहीं बदली.......