6 March 2021

7236 - 7240 दिल मशवरा गुफ़्तगू शराफ़त साथ मज़बूरी दोस्त यार शायरी

 

7236
जब वो ''आप'' से,
''तुम'' को ''तू'' करदे...
मेरा मशवरा हैं, दोस्त,
तू ख़त्म गुफ़्तगू कर दे...

7237
तुम शराफ़तको बाज़ारमें,
क्यूँ ले आए हो, दोस्त...
ये सिक्का तो,
बरसोंसे नहीं चलता.......

7238
चालाकी कहाँ मिलती हैं,
मुझेभी बता दो, दोस्तों...
हर कोई ठग ले जाता हैं,
जरासा मीठा बोलकर...

7239
तलाशी ले ले, दोस्त,
तू भी मेरी...
अगर जेबोंमें मज़बूरीके सिवा,
कुछ मिले तो ये जिंदगी तेरी...

7240
कभी पसंद आये साथ मेरा,
तो बता देना, दोस्त...
हम दिलपर पत्थर रखके,
तुम्हे गोली मार देंगे बड़े आरामसे...

5 March 2021

7231 - 7235 असूल कुबूल दर्द निगाहें तम्मना तासीर आँख दोस्त यार शायरी

 

7231
अपनी दोस्तीका बस,
इतनासा असूल हैं...
ज़ब तू कुबूल हैं,
तो तेरा सबकुछ कुबूल हैं...!

7232
सच्ची दोस्ती बेजुबान होती हैं,
ये तो आँखोसे बयाँ होती हैं;
दोस्तीमें दर्द मिले तो क्या,
दर्दमें ही दोस्तीकी पहचान होती हैं ll

7233
दोस्ती बड़ी नहीं होती...
निभाने वाला बड़ा होता हैं...!

7234
निगाहें बदल गयी,
अपने और बेगानेकी...
तू छोड़ना दोस्तीका हाथ, वरना...
तम्मना मिट जायेगी,
कभी दोस्त बनानेकी.......

7235
तासीर इतनी ही काफी हैं,
की वो मेरा दोस्त हैं;
क्या ख़ास हैं उसमे,
ऐसा कभी सोचा ही नहीं...!

4 March 2021

7226 - 7230 दिल प्यार गुरुर मजबूर ग़म आँसू इंतज़ार दोस्त यार शायरी

 

7226
कितनी नन्हीसी परिभाषा हैं,
दोस्तीकी...
मैं शब्द,
तुम अर्थ...!
तुम बिन मैं व्यर्थ...!!!

7227
दिल प्यारमें बेक़रारभी होता हैं,
दोस्तीमें थोड़ा इंतज़ारभी होता हैं;
होती नहीं प्यारमें दोस्ती पर,
दोस्तीमें शामिल प्यार भी होता हैं...

7228
हम खुदपें गुरुर नहीं करते,
किसीको दोस्ती करनेपर, मजबूर नहीं करते...
मगर जिसे एक बार दिलमें बसा लें,
उसे मरते दम तक दिलसे दूर नहीं करते...ll

7229
मेरे आँसू उठा लेते हैं,
मेरे ग़मोंका बोझ;
ये वो दोस्त हैं जो,
अहसान जताया नहीं करते...!

7230
उसने एक हि बार कहा,
दोस्त हूँ...
फिर मैने कभी नहीं कहा,
व्यस्त हूँ.......

3 March 2021

7221 - 7225 जिंदगी दुनिया जीवन इल्जाम साथ फर्क गुनाह अजीब दोस्त यार शायरी

 

7221
वो दोस्त जीवनभर,
क्या साथ देंगे जिन्होने...
चौराहेपर हवलदार देखकर,
गाड़ीसे उतार दिया.......

7222
कैसे अजीब लोग बसे हैं,
तेरी दुनियामें, खुदा...
शौक-ए-दोस्ती भी रखते हैं,
और यादभी नहीं करते.......

7223
दो रास्ते जिंदगीके,
दोस्ती और प्यार...
एक मस्तीसे भरा,
और दुसरा इल्जामसे...

7224
खता मत गिन दोस्तीमें,
कि किसने क्या गुनाह किया...!
दोस्ती तो एक नशा हैं,
जो तूनेभी किया और मैनेभी किया...!!!

7225
फर्क तो अपनी,
सोचमें हैं जनाब...
वर्ना दोस्तीभी मोहब्बतसे,
कम नहीं होती.......!!!

1 March 2021

7216 - 7220 वक्त होंठ उल्फत दर्द ज़माना खजाना कोशिश फ़रिश्ते दोस्त यार शायरी

 
7216
वक्तकी यारी तो,
हर कोई करता हैं, मेरे दोस्त...
मजा तो तब हैं जब,
वक्त बदले पर, यार ना बदले...

7217
होंठोंपें उल्फतके फ़साने नहीं आते,
जो बीत गए फिर वो ज़माने नहीं आते...
दोस्त ही होते हैं, दोस्तोंके हमदर्द,
कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते...!

7218
 गया जौहर अजब,
उल्टा ज़माना क्या कहें...
दोस्त वो करते हैं बातें,
जो अदू करते नहीं...
        लाला माधव राम जौहर

7219
मेरी चाहत नहीं,
बड़े-बड़े आदमी, मेरे दोस्त बने,
मेरी कोशिश हैं, मेरे सारे दोस्त,
बड़े-बड़े आदमी बने.......

7220
लिखा था राशीमें,
आज खजाना मिलेगा...
गुजरे एक गलीसे,
और दोस्त पुराने मिल गये...!

28 February 2021

7211 - 7215 बेशक खामोश अल्फ़ाज़ इलाज गुनहगार उम्र उम्मीद दोस्त यार शायरी

 

7211
दोस्त बेशक एक हो,
लेकिन ऐसा हो...
जो अल्फ़ाज़से ज्यादा,
खामोशीको समझें.......!

7212
उम्रकी चादर,
खींचकर उतार देते हैं ;
ये कम्बख्त दोस्त,
कभी बूढ़ा नहीं होने देते हैं l
दोस्तोंसे बातें किया करो जनाब,
ये वो हक़ीम हैं ;
जो अल्फ़ाज़से इलाज कर देते हैं ll

7213
यह कहाँ की दोस्ती हैं,
कि बने हैं दोस्त नासेह...
कोई चारासाज होता,
कोई गमगुसार होता.......
                          मिर्जा गालिब

7214
मैं वो ग़म-दोस्त हूँ,
जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा...
निकला एक भी मेरे सिवा,
उम्मीद-वारोंमें........
हैदर अली आतिश

7215
दोस्त, तू मुझे...
गुनहगार साबित करनेकी,
ज़हमत ना उठा...l
बस ये बता, क्या-क्या कुबूल करना हैं,
जिससे दोस्ती बनी रहें.......ll

27 February 2021

7206 - 7210 दिल प्यार ख़ूबी यार दोस्त दुश्मन शायरी

 

7206
कुछ समझकर,
उस मह--ख़ूबीसे की थी दोस्ती...
ये समझे थे कि,
दुश्मन आसमाँ हो जाएगा.......
                            इम्दाद इमाम असर

7207
दोस्तोंसे इस क़दर,
सदमे उठाए जानपर...
दिलसे दुश्मनकी अदावतका,
गिला जाता रहा.......
हैदर अली आतिश

7208
तरतीब दे रहा था,
मैं फ़हरिस्त--दुश्मनान...
यारोंने इतनी बातपें,
ख़ंजर उठा लिया.......
              फ़ना निज़ामी कानपुरी

7209
हम दोस्तोसें इतना प्यार करते हैं...
ये देखकर दुश्मनभी कहते हैं की,
काश हमभी इनके दोस्त होते.......!

7210
हम तो दुश्मनीभी,
दुश्मनकी औकात देखकर करते हैं...
बच्चोंको छोड देते हैं और,
बडोंको तोड देते हैं.......

26 February 2021

7201 - 7205 दिल सितम मोहब्बत ज़िन्दगी दुनिया अदावत दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7201
दिन एक सितम,
एक सितम रात करे हो...
वो दोस्त हो, दुश्मनको भी,
मात करो हो.......
                      कलीम आजिज़

7202
रफ़्तार कुछ ज़िन्दगीकी,
यूँ बनाये रख, खुदा...
दुश्मन भले आगे निकल जाएँ,
पर दोस्त कोई पीछे छूटे.......!

7203
जमानेकी अदावतका,
सबब थी दोस्ती जिसकी...
अब उनको दुश्मनी हैं हमसे,
दुनिया इसको कहते हैं.......
                           बेखुद देहलवी

7204
दुश्मनीने सुना होवेगा,
जो हमें दोस्तीने दिखलाया...

7205
करें हम दुश्मनी किससे,
कोई दुश्मन नहीं अपना...
मोहब्बतने नहीं छोड़ी,
जगह दिलमें अदावतकी...

23 February 2021

7196 - 7200 प्यार उम्र किस्मत सुलूक फर्क फितरत साहिल दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7196
किस दोस्तको,
अपना समझूँ...
सबके सब दोस्त हैं,
दुश्मनकी तरफ़...
          अर्श मलसियानी

7197
एक नाम क्या लिखा तेरा,
साहिलकी रेतपर...
फिर उम्रभर हवासे,
मेरी दुश्मनी रहीं.......!

7198
यह दोस्तोंका रवैया,
यह दुश्मनोंका सुलूक...
सच पूछो तो दोनोंमें,
कोई फर्क नहीं हैं.......!
                 जगन्नाथ आजाद

7199
दुश्मनोंसे प्यार होता जायेगा,
दोस्तोंको आजमाते जाइएँ...

7200
दुश्मन भी दुआ देते हैं,
मेरी फितरत ऐसी हैं l
दोस्त भी दगा देते हैं,
मेरी किस्मत ऐसी हैं ll

22 February 2021

7191 - 7195 मुहब्बत राज दोस्ती दुश्मन दुश्मनी शायरी

 

7191
दोस्त, तुझको रहम आए,
तो क्या करूँ.......
दुश्मन भी मेरे हालपें,
अब आब-दीदा हैं.......
                  लाला माधव राम जौहर

7192
मुझे मेरे दोस्तोंसे,
बचाइये राही...
दुश्मनोंसे मैं,
ख़ुद निपट लूँगा...!
सईद राही

7193
वो दुश्मन बनकर,
मुझे जितने निकले थे...
मुहब्बत कर लेते तो,
मैं खुद ही हार जाता.......!

7194
दुश्मनोंसे पशेमान होना पड़ा,
दोस्तोंका खुलूस आजमानेके बाद...!
                    बारहबंकवीं

7195
हम राजा हैं,
हमें शराफतसे राज करने दो l
अगर हम महाराजा बनें तो,
हर दुश्मनका जीना हराम कर देगें ll

19 February 2021

7186 - 7190 प्यार आईना तफ़रीक़ आसमाँ दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7186
दुश्मनोंसे,
प्यार होता जाएगा...
दोस्तोंको,
आज़माते जाइए...
           ख़ुमार बाराबंकवी

7187
दुश्मनोंसे क्या ग़रज़,
दुश्मन हैं वो...
दोस्तोंको,
आज़माकर देखिए.......!

7188
दोस्ती या दुश्मनी,
नहीं निभाता हैं आईना...
जो उसके सामने हैं,
वही दिखाता हैं आईना...

7189
ये फ़ित्ना आदमीकी,
ख़ाना-वीरानी को क्या कम हैं...?
हुए तुम दोस्त जिसके,
दुश्मन उसका आसमाँ क्यूँ हो...?
मिर्ज़ा ग़ालिब

7190
दोस्तों और दुश्मनोंमें,
किस तरह तफ़रीक़ हो...
दोस्तों और दुश्मनोंकी,
बे-रुख़ी हैं एक सी.......
                    जान काश्मीरी

18 February 2021

7181 - 7185 दिल मौक़ा कब्ज़ा फायदा शिकायत दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7181
दोस्ती जब,
किसीसे की जाएँ;
दुश्मनोंकी भी,
राय ली जाए...
            राहत इंदौरी

7182
जगह ही नहीं दिलमें,
अब दुश्मनोंके लिए...
कब्ज़ा दोस्तोंका,
कुछ ज्यादा ही हो गया हैं...!

7183
दोस्त हर ऐब,
छुपा लेते हैं...
कोई दुश्मन भी,
तिरा हैं कि नहीं...
            बाक़ी सिद्दीक़ी

7184
मेरी दोस्तीका,
फायदा उठा लेना, क्यूँकि...
मेरी दुश्मनीका,
नुकसान सह नहीं पाओगे...!

7185
ख़ुदाके वास्ते,
मौक़ा दे शिकायतका...
कि दोस्तीकी तरह,
दुश्मनी निभाया कर.......
                  साक़ी फ़ारुक़ी

17 February 2021

7176 - 7180 दुआ इश्क़ इख़्तियार वफ़ा क़दम दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7176
मुझे जो दोस्ती हैं,
उसको दुश्मनी मुझसे...
इख़्तियार हैं उसका,
मेरा चारा हैं.......

7177
मुझे दुश्मनसे,
अपने इश्क़सा हैं...
मैं तन्हा आदमीकी,
दोस्ती हूँ.......
बाक़र मेहदी

7178
जो दोस्त हैं वो माँग,
ते हैं सुल्हकी दुआ;
दुश्मन ये चाहते हैं कि,
आपसमें जंग हो.......!
            लाला माधव राम जौहर

7179
वफ़ापर दग़ा,
सुल्हमें दुश्मनी हैं...
भलाईका हरगिज़,
ज़माना नहीं हैं.......

7180
हर क़दमपें नाकामी,
हर क़दमपें महरूमी...
ग़ालिबन कोई,
दुश्मन दोस्तोंमें शामिल हैं...!
                     अमीर क़ज़लबाश

16 February 2021

7171 - 7175 दिल मोहब्बत वफ़ा गवारा इत्तिहाद मेहरबाँ बहार नज़र दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7171
मैं हैराँ हूँ कि,
क्यूँ उससे हुई थी दोस्ती अपनी,
मुझे कैसे गवारा हो गई थी,
दुश्मनी अपनी.......

7172
ये दिल लगानेमें मैंने,
मज़ा उठाया हैं...
मिला दोस्त तो,
दुश्मनसे इत्तिहाद किया...!
हैदर अली आतिश

7173
दोस्तीकी तुमने दुश्मनसे,
अजब तुम दोस्त हो...
मैं तुम्हारी दोस्तीमें,
मेहरबाँ मारा गया.......
                 इम्दाद इमाम असर

7174
बहारोंकी नज़रमें,
फूल और काँटे बराबर हैं...
मोहब्बत क्या करेंगे,
दोस्त दुश्मन देखनेवाले.......
कलीम आजिज़

7175
दुश्मनोंकी जफ़ाका,
ख़ौफ़ नहीं...
दोस्तोंकी वफ़ासे,
डरते हैं...
                हफ़ीज़ बनारसी