27 April 2017

1256


दिल के सच्चे
कुछ एहसास लिखते है,

मामूली शब्दों में ही सही,
कुछ खास लिखते हैं . . . !

25 April 2017

1255


कैसे ना मर मिटे
उन पर हम.......
पगली रूठ कर भी
कहती है...
सुनो......

संभल के जाना...!!!

1254


तेरी बेरुखी पे कोई
ऐतराज़ नहीं है हमें...
किस हाल में हैं हम...

इतना तो पूँछ लिया करो . . .

1253


आँखों में देख कर
वो दिल की हकीकत जानने लगे;
उनसे कोई रिश्ता भी नहीं
फिर भी अपना मानने लगे;
बन कर हमदर्द कुछ ऐसे
उन्होंने हाथ थामा मेरा;

कि हम खुदा से
दर्द की दुआ मांगने लगे।

1252


फिर इश्क़ का जूनून,
चढ़ रहा है सिर पे,
मयख़ाने से कह दो जरा की...

दरवाज़ा खुला रखे !!! 

1251


कैसे बताऊ तुम्हे ...
मुहब्बत का दर्द ...
जान जाओगी,

तो जान से जाओगी.......!

24 April 2017

1250


यह अजीब खेल है ,
मेरी जिंदगी में...
जहां याद का लफ्ज आ जाये ,

वहां तुम याद आते हो...

1249


जहर के असरदार होने से
कूछ नहीं होता जनाब,
खुदा भी राजी होना चाहिए

मौत देने के लिए…

1248


कोशिश तो होती है
की तेरी हर ख्वाहीश् पुरी करूं,
पर डर लगता है की तू
ख्वाहीश् में...

मुझसे जुदाई न मांग ले...

1247


कुछ खास नही
बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी …!

हर रात का आखरी खयाल और
हर सुबह की पहली सोच हो तुम …!!

1246


मैंने तुम्हारी मजबूरियां समझी
और तुम्हे जाने दिया,
अब तुम भी मेरी मजबूरी समझो

और वापस आ जाओ...

22 April 2017

1245


हमने तो इश्क के नशे में,
उनको खुदा बना डाला,

होश तो तब आया जब उन्होंने कहा,
कि खुदा किसी एक का नहीं होता…

1244


छुपे छुपे से रहते हैं,
कभी सरेआम नहीं हुआ करते;

कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते…

1243


देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,

फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं...!

1242


कुछ तो महक रहा था
फ़िज़ाओं में.... कल से,
हमें आज मालूम हूआ

के वो मेरे शहर आये थे...

1241


आँसू निकल पड़े ख्वाब में...
उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ...

इश्क़ सोते हुए भी रुलाता है !

21 April 2017

1240


जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी है मुटठी भर ज़मीन आपने,

आगे अभी सारा आसमान बाकी है !

1239


गम न हो वहां जहाँ हो फ़साना आपका,
खुशियाँ ढूढती रहें आशियाना आपका,
वो वक़्त ही न आये जब आप उदास हों,

ये दुनिया भुला न सके मुस्कुराना आपका !

1238


करिये तो कोशिश हमको याद करने की;
फुर्सत के लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे;
दिल में अगर है चाहत हमसे मिलने की;

बहाने मिलने के खुद-ब-खुद बन जायेंगे।

1237 कांटे फूल जिंदगी कबूल शायरी


अपनी जिंदगीके अलग असूल हैं,
यारकी खातिर तो कांटे भी कबूल हैं,
हंसकर चल दूं कांचके टुकड़ोंपर भी,
अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं !