23 July 2019

4521 - 4525 मुहब्बत मुद्दत ख्वाहिश दीदार खबर चाहत इबादत याद इरादा बेबसी वक्त शायरी


4521
मुद्दतसे थी,
किसीसे मिलनेकी चाहत;
ख्वाहिशें दीदारमें,
सब कुछ गवा दिया...

4522
किसीने दी खबर की,
वो आएंगे रातको...
इतना किया उजाला की,
घर तक जला दिया...

4523
खोनेकी दहशत और,
पानेकी चाहत होती... 
तो ना ख़ुदा होता कोई,
और इबादत होती...!

4524
लाख चाहता हूँ कि,
तुझे याद ना करूँ...
मगर इरादा अपनी जगह...!
बेबसी अपनी जगह.......!!!

4525
सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो,
किसी औरको आजमा लेना;
हम तो चाहत और मुहब्बत दोनों,
इबादतकी तरह करते हैं.......!

22 July 2019

4516 - 4520 दिल ज़ख़्म चाहत इंतजार प्यार मुहब्बत मदहोश नजर इश्क आँखें हरजाई शायरी


4516
ज़ख़्म कितने तेरी चाहतसे,
मिले हैं मुझको...
सोचता हूँ के कहूँ तुझसे,
मगर जाने दे.......!

4517
मजा तो हमने इंतजारमें देखा हैं,
चाहतका असर प्यारमें देखा हैं;
लोग ढूंढ़ते हैं जिसे मंदिर मस्जिदमें,
उस खुदाको मैने आपमें देखा हैं...!

4518
मेरी एक चाहत हैं कि,
एक चाहने वाला ऐसा हो...
जो चाहनेमें,
बिलकुल मेरे जैसा हो.......!

4519
चाहतका क्या,
किसीको भी चाह ले...
मसला मुहब्बतका हैं,
सिर्फ एकसे होती हैं...!

4520
मदहोश नजरोमें,
इश्ककी चाहत उभर आई हैं !
मुहब्बतको छुपालूँ दिलमें,
आँखें तो हरजाई हैं !!!

20 July 2019

4511 - 4515 अजनबी इंतजार प्यार सिलसिला जान तकदीर बात दहलीज़ तस्वीर चाहत शायरी


4511
एक अजनबीसे मुझे इतना प्यार क्योंहै,
इंकार करनेपर चाहतका इकरार क्यों हैं l
उसे पाना मेरी तकदीरमें नही शायद,
फिर हर मोड़पे उसीका इंतज़ार क्यों हैं... ll

4512
सिलसिला ये चाहतका,
दोनो तरफसे था...
वो मेरी जान चाहती थी,
और मैं जानसे ज्यादा उसे...!

4513
ज़रूरी नहीं की हर बातपर,
तुम मेरा कहा मानों...
दहलीज़पर रख दी हैं चाहत,
आगे तुम जानो.......!

4514
बारिशकी बूँदोंमें झलकती हैं,
तस्वीर उनकी...
और हम उनसे मिलनेंकी,
चाहतमें भीग जाते हैं.......!

4515
ना जाने क्यूँ तुझे,
देखनेके बाद भी...
तुझे ही देखनेकी,
चाहत रहती हैं.......!

19 July 2019

4506 - 4510 याद नसीब अकेले रिश्ते गिला दूरी चाहत शायरी


4506
प्यार तो सिर्फ प्यार हैं,
क्या पुरा क्या आधा...
दोनोंकी ही चाहत बेमिसाल,
क्या मीरा क्या राधा.......!

4507
नींदें छीन रखी हैं,
यादोंने तेरी...
गिला तेरी दूरीसे करें,
या अपनी चाहतसे...!

4508
मेरी हर चाहतमें हरदम...
तेरा ही नाम होगा !
तू नही मिला मुझे...
शायद मेरा नसीब ही बद-नसीब होगा...

4509
एक चाहत होती हैं, जनाब...
अपनोंके साथ जीनेकी...
वरना पता तो हमें भी हैं कि;
ऊपर अकेलेही जाना हैं.......!

4510
कितने अनमोल होते हैं,
ये यादोंके रिश्ते भी...
कोई याद ना भी करे,
चाहत फिर भी रहती हैं.......!

17 July 2019

4501 - 4505 प्यार वक्त रिश्ते जुदाई उम्मीद फर्क तक़दीर लकीर ऐतबार इनकार किस्मत शायरी


4501
किस्मतपर ऐतबार किसको हैं,
मिल जाये ख़ुशी तो इनकार किसको हैं...!

4502
वक्त बड़ा अज़ीब होता हैं,
इसके साथ चलो तो...
किस्मत बदल देता हैं !
और चलो तो...
किस्मतको ही बदल देता हैं !!!

4503
फर्क होता हैं खुदा और फ़क़ीरमें,
फर्क होता हैं किस्मत और लकीरमें 
अगर कुछ चाहो और मिले तो समझ लेना,
कि कुछ और अच्छा लिखा हैं तक़दीरमें 

4504
बंद किस्मतके लिये कोई ताली नहीं होती ।
सुखी उम्मीदोंकी कोई डाली नहीं होती ।
जो झूक जाए माँ -बापके चरणोंमें 
उसकी झोली कभी खाली नहीं होती...

4505
प्यार करने वालोंकी किस्मत बुरी होती हैं,
हर मिलन जुदाईसे होती हैं;
रिश्तेको कभी परखकर देखना,
यारी हर रिश्तेसे बड़ी होती हैं !

4496 - 4500 शिकायत लफ्ज याद ज़ुल्फ़ मुश्किल फैसले किस्मत शायरी


4496
मान लेते हैं कि,
किस्मतमें लिखे फैसले...
बदला नहीं करते,
लेकिन,
आप फैसले तो लीजिये,
क्या पता,
किस्मत ही बदल जाए...

4497
मैं शिकायत क्यूँ करू,
 ये तो किस्मत की बात हैं...
तेरी सोचमे भी नही मैं,
मुझे लफ्ज लफ्ज तू याद हैं...

4498
तेरी ज़ुल्फ़ क्या संवारी,
मेरी किस्मत निखर गयी...
उलझने तमाम मेरी,
 दो लटमें संवर गयी.......!

4499
बड़ा मुश्किल काम दे दिया,
किस्मतने मुझको 
कहती हैं तुम तो सबके हो गए,
अब ढूंढो उनको जो तुम्हारे हैं

4500
बहुत अकेला कर दिया हैं,
मेरे अपनोने मुझे...
समझ नहीं आता कि मैं,
बुरा हूँ या मेरी किस्मत...

16 July 2019

4491 - 4495 याद उम्र लाजबाव ख्वाहिशें चाहत आज़ाद जख्म जिंदगी बात सफर शायरी


4491
तेरी गलीका वो पहला सफर,
आज भी याद हैं मुझे...
मैं कोई खोजकर्ता नही था,
पर मेरी खोज लाजबाव थी...!

4492
"उम्र बिना रुके,
सफर कर रही हैं;
और हम ख्वाहिशें लेकर,
वहीं खड़े हैं..."

4493
आज तक उस थकानसे,
दुख रहा हैं बदन...
एक सफर किया था,
मैने ख्वाहिशोंके साथ...

4494
अजीब सफर हैं,
तेरी चाहतका...
तू साथ भी नहीं और,
हम आज़ाद भी नहीं...!

4495
जख्म कहां कहांसे मिले हैं...
छोड़ इन बातोको,
जिंदगी तु तो ये बता,
सफर कितना बाकी हैं.......!

14 July 2019

4486 - 4490 तजुर्बे उम्र अदा गुनाह मंजिल ‪‎अफसोस बात महसुस ख्वाब किस्मत तमन्ना शायरीहैं


4486
खुदा जाने कौनसा गुनाह,
कर बैठे हैं हम कि...
तमन्नाओ वाली उम्रमें,
तजुर्बे मिल रहे हैं.......

4487
तमन्ना तो हर एक,
पंखुडीको सजाके रखनेकी थी...
पर अफसोस की तुमने,
कोई फूलदिया ही नहीं.......

4488
सोचनेसे कहाँ मिलते हैं,
'तमन्नाओं के शहर'...
'चलनेकी जिद' भी जरुरी हैं,
मंजिलोंके लिए.......!

4489
"मेरी हर एक अदामें छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुमने महसुस ना की ये और बात हैं;
मैने हरदम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात हैं;
मैने जब भी तुझसे बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात हैं;
कुदरतने लिखा था मुझको तेरी तमन्नामें,
मेरी किस्मतमें तु ना थी ये और बात हैं...”

4490
ये रुखसार पीलेसे लगते हैं ना,
उदासीकी हल्दी हैं हट जाएगी...
तमन्नाकी लालीको पकने तो दो,
ये पतझड़की छाँव छंट जाएगी...!
                                          गुलजार

4481 - 4485 जिंदगी खुशियाँ मुद्दत चाँद सजदा तलब धड़कन इरादा तमन्ना शायरी


4481
जिसमें तू नहीं, वो तमन्ना अधूरी हैं,
तू जो मिल जाएं, तो जिंदगी पूरी हैं...
तेरे साथ जुड़ी हैं खुशियाँ,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी हैं...

4482
एक मुद्दतसे हम हैं,
उसकी तमन्नामें बेताब...
वो चाँद जो आँगनमें.....
उतरता ही नही हैं.......

4483
तुझे पानेकी तमन्ना हैं,
बस और कुछ नहीं चाहिए...
बता कहाँ कहाँ सजदा करूँ की,
तु मिल जाए मुझे.......!

4484
तलब ये हैं कि,
मैं सर रखूँ तेरे सीनेपे...
और तमन्ना ये कि,
मेरा नाम पुकारे धड़कनें तेरी...!

4485
तमन्ना छोड़ देते हैं,
इरादा छोड़ देते हैं।
चलो एक दूसरेको फिरसे,
आधा छोड़ देते हैं...।।