5156
मैने जब भी,
रबसे गुजारिश
की है;
तेरे चेहरेपे हंसीकी,
सिफारिश की
है...!
5157
उतरकर पानीमें,
फिर वो हंसके बोली...
देखो इसे कहते
हैं,
पानी में
आग लगाना...!
5158
कोई ठुकरा दे तो,
हंसके सह
लेना;
मोहब्बत
की ताबितमें,
ज़बरदस्ती नहीं होती...!
5159
मैने उससे कहाँ,
छोड़ दो या
तोड़ दो मुझे,
उसने हंसकर गले लगाया
और कहाँ,
छोड़ रही हूँ
आज तुम्हे,
टूट
तो तुम खुद
जाओगे...
5160
जितना चाहे रूला
दे मुझको,
तूँ ऐ जिन्दगी...
हंसकर गुजार दूँगा तुझको,
ये मेरी भी
जिद्द है.......!