1 June 2021

7581 - 7585 दिल शब ज़वानी तमन्ना इश्क़ मरना मौत शायरी

 
7581
साज़--दिलक़ो,
महक़ाया इश्क़ने...
मौतक़ो लेक़र,
ज़वानी गई...!

7582
तमन्ना यहीं हैं,
बस एक़ बार आये...
चाहे मौत आये,
चाहे यार आये.......

7583
तुम आओगे तो,
मरनेक़ी हैं सौ तदबीरें...
मौत क़ुछ तुम तो नहीं हो क़ि,
बुला भी सकूँ.......
                             मिर्ज़ा ग़ालिब


7584
वो ना आएँगे, दिल...
तो मौत आएगी ज़रूर l
आज़क़ी शब तुझक़ो,
हर सूरत क़रार आनेक़ो हैं ll
रहबर

7585
मुझे आज़ भी यक़ीन हैं क़ी,
तु एक़ दिन लौटक़र आयेग़ा...
चाहे वो दिन मेरी,
मौतक़ा ही क्यों ना हो...!!!

31 May 2021

7576 - 7580 दिल दर्द ज़ीस्त सबूत अफ़सोस मोहलत मर मौत शायरी

 

7576
अंदरसे तो क़बक़े,
मर चुक़े हैं हम...
मौत, तू भी आज़ा,
लोग सबूत मांगते हैं...

7577
सुना हैं, मौत एक़ पलक़ी भी,
मोहलत नहीं देती l
मैं अचानक़ मर ज़ाऊ तो,
मुझे माफ़ क़र देना ll

7578
रंज़ उठानेसे भी ख़ुशी होगी,
पहले दिल दर्द आशना क़ीज़ै...
मौत आतीं नहीं क़हीं ग़ालिब,
क़बतक़ अफ़सोस ज़ीस्तक़ा क़ीज़ै...

7579
मौतसे क्यों इतनी दहशत,
ज़ान क्यों इतनी अज़ीज़...
मौत आनेक़े लिये हैं,
ज़ान ज़ानेक़े लिये हैं...!!!

7580
हम उसी ज़िन्दगीक़े दर पै हैं...
मौत हैं ज़िसक़े पासबानोंमें.......

30 May 2021

7571 - 7575 ज़माना मिज़ाज़ दर्द रुस्वाई मोहलत ज़हर वज़ूद मौत शायरी

 

7571
मौतसा मिज़ाज़ हैं मेरा,
दर्द भी हैं...
रुस्वाई भी.......

7572
अपने वज़ूदपर,
इतना इतरा, ज़िन्दगी...
वो तो मौत हैं,
जो तुझे मोहलत देती ज़ा रही हैं...!

7573
ज़हर पीनेसे,
क़हाँ मौत आती हैं...
मर्जी ख़ुदाक़ी भी चाहिए,
मौतक़े लिए.......!!!

7574
मौत, उन्हें भुलाये,
ज़माने ग़ुज़र गए...
आज़ाक़े ज़हर ख़ाये,
ज़माने ग़ुज़र गए...!!!

7575
ख़ुदा, इन्साफ़ क़र,
हम मज़लूम आशिक़ोंक़ा l
इश्कक़ो सज़ा--मौत दे,
हमें बाइज्ज़त बरी क़र...ll

29 May 2021

7566 - 7570 ज़िन्दगी नाम इश्क़ तक़दीर ड़र महफ़िल हुनर मौत शायरी

 

7566
इश्क़ क़हता हैं,
मुझे इक़ बार क़रक़े देख़...
तुझे मौतसे मिलवा दिया तो,
मेरा नाम बदल देना.......

7567
सुना हैं, तुम तक़दीर देख़नेक़ा,
हुनर रख़ते हो...!
मेरा हाथ देख़क़र बताना क़ि.
पहले तुम आओगे या मौत.......?

7568
अपनी मौत भी,
क़्या मौत होगी...?
एक़ दिन यूँ ही मर ज़ायेंगे,
तुमपर मरते मरते.......!

7569
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ क़ी,
मौत भी क़ोई चीज़ हैं, फ़राज़...
ज़िन्दगी वो थी जो हम उसक़ी,
महफ़िलमें ग़ुज़ार आए.......
अहमद फ़राज़

7570
मैं जो चाहूँ तो,
अभी तोड़ लूँ नाता तुमसे...
पर मैं बुज़दिल हूँ,
मुझे मौतसे ड़र लगता हैं.......!

28 May 2021

7561 - 7565 रूह दिल ज़िस्म जिंदगी लिबास अरमान हयात राज़ी मौत ज़हर शायरी

 

7561
ज़हरक़े असरदार होनेसे,
क़ुछ नहीं होता साहब...
ख़ुदा भी राज़ी होना चाहिये,
मौत देनेक़े लिये.......

7562
क़ौन क़हता हैं क़ि,
मौत आई तो मर ज़ाऊँगी...
मैं तो नदी हूँ,
समुंदरमें उतर ज़ाऊँगी.......

7563
क़ैद--हयात बंद--ग़म,
अस्लमें दोनों एक़ हैं...
मौतसे पहले आदमी,
ग़मसे नज़ात पाए क्यूँ.......
                                मिर्ज़ा ग़ालिब

7564
सुलग़ती जिंदगीसे,
मौत ज़ाये तो बेहतर हैं l
हमसे दिलक़े अरमानोंक़ा,
अब मातम नहीं होता...ll

7565
मौत ज़िस्मक़ी रिवायत हैं,
रूहक़ो बस लिबास बदलना हैं...!

14 May 2021

7556 - 7560 ज़िन्दग़ी मोहब्बत मतलब इलाज़ वादा पल इंतेज़ार मौत ज़हर शायरी

 

7556
क़ोई नहीं आऐगा,
मेरी ज़िन्दग़ीमें तुम्हारे सिवा...
एक़ मौत ही हैं,
ज़िसक़ा मैं वादा नहीं क़रता...

7557
तुझे भूलनेक़े लिए मुझे,
सिर्फ़ एक़ पल चाहिए...
वो पल ज़िसे लोग़ अक्सर,
मौत क़हते हैं.......!

7558
पता नहीं क़ौनसा ज़हर मिलाया था,
तुमने मोहब्बतमें...!
ना ज़िन्दग़ी अच्छी लग़ती हैं,
और ना ही मौत आती हैं.......

7559
मैं उसक़ी आसमें,
यूँ बैठा हूँ...
ज़ैसे क़िसी लाइलाज़क़ो,
इंतेज़ार हो मौतक़ा.......

7560
ज़िन्दग़ी और मौतक़ा मतलब,
तुमक़ो पाना हैं...!
तुमक़ो ख़ोना हैं.......!!!

13 May 2021

7551 - 7555 ज़िन्दग़ी रूबरू इंतजार ख़बर शिक़वा तरीक़ा ग़म हयात मौत शायरी

 

7551
छोड़ दिया मुझक़ो आज़ मेरी,
मौतने यह क़हक़र...
हो ज़ाओ ज़ब ज़िंदा,
तो ख़बर क़र देना.......

7552
हद तो ये हैं क़ि,
मौत भी तक़ती हैं दूरसे;
उसक़ो भी इंतजार मेरी,
खुदक़ुशीक़ा हैं.......!

7553
ज़िन्दग़ीसे तो ख़ैर शिक़वा था,
मुद्दतों मौतने भी तरसाया.......!

7554
क़ैदे-हयात बंदे-ग़म,
अस्लमें दोनों एक़ हैं !
मौतसे पहले आदमी,
ग़मसे निज़ात पाए क्यों...?

7555
हर मोड़पे क़ोई,
अपना छूट ही ज़ाता हैं...
ये क़्या तरीक़ा हैं ज़िन्दग़ी,
मौतसे रूबरू क़रनेक़ा...?

12 May 2021

7546 - 7550 ज़िंदगी आरज़ू ख़्वाब हादसे हयात ज़ीना सिलसिला मौत शायरी

 

7546
क़ैसे बताऊँ क़्या हुई,
ज़ीनेक़ी आरज़ू...
एक़ हादसेमें आप अपनी,
मौत मर गई.......

7547 
ख़ाक़ और ख़ूनसे,
इक़ शम्अ ज़लाई हैं नुशूर...
मौतसे हमने भी सीख़ी हैं,
हयात-आराई.......
            नुशूर वाहिदी
7548
मुझे मौतसे डरा मत,
बार मर चुक़ा हूँ...!
क़िसी मौतसे नहीं कम,
क़ोई ख़्वाब टूट ज़ाना...!!!

7549
अपने ही दिलक़े आग़में,
शम्अ पिघल गई...
शम्म--हयात मौतक़े,
साँचेमें ढल गई.......
असर लख़नवी

7550
ज़िंदगी  हादसा हैं,
और क़ैसा हादसा...
मौतसे भी ख़त्म ज़िसक़ा
,
सिलसिला होता नहीं.......

11 May 2021

7541 - 7545 दिल मोहब्बत चाहत तड़प दुनिया क़ब्र मौत शायरी

 

7541
मुझे थी उसीसे सनम,
यादोंमें उसक़ी यह दिल तड़पता रहा...
मौत भी मेरी चाहतक़ो रोक़ सक़ी,
क़ब्रमें भी यह दिल धड़क़ता रहा.......!

7542 
अपने क़ाँधोंपें लिए फ़िरता हूँ,
अपनी ही सलीब...
ख़ुद मिरी मौतक़ा मातम हैं,
मिरे ज़ीनेमें...
हनीफ़ क़ैफ़ी

4543
क़ैसे सक़ती हैं,
ऐसी दिल-नशीं दुनियाक़ो मौत...
क़ौन क़हता हैं क़ि,
ये सब क़ुछ फ़ना हो ज़ाएगा...
                                 अहमद मुश्ताक़

4544
क़ौन क़हता हैं क़ि,
मौत आई तो मर ज़ाऊँगा...
मैं तो दरिया हूँ,
समुंदरमें उतर ज़ाऊँगा.......
अहमद नदीम क़ासमी

7545
ख़ूब--ज़िश्त--ज़हाँक़ा,
फ़र्क़ पूछ ;
मौत ज़ब आई,
सब बराबर था.......!!!
                    इम्दाद इमाम असर

10 May 2021

7536 - 7540 आँख़े इश्क़ बेख़ुदी होश बंदगी इंतज़ार पैगाम रुबरु इश्क़ मोहब्बत शायरी

 

7536
मोहब्बतक़े नशेमें आक़र,
उसे ख़ुदा बना दिया...!
होश तब आया ज़ब समझे.
ख़ुदा क़िसी एक़क़ा नहीं होता...!

7537
सुनो, बार बार इस तरह...
रुबरु हुआ क़रो l
हम होशमें नहीं रहते,
तुमसे मिलनेक़े बाद...!

7538
होक़े तैयार नशीली आँ‌‍खोंसे...
क़र रहे थे इंतज़ार क़िसीक़ा !
पर उडाक़े होश तक़ती आँखोंसे,
ज़ालीमने भेजा पैगाम ना आनेक़ा...
                                           भाग्यश्री

7539
मुझे शाम सहरक़ा होश नहीं...
मैं इश्क़क़े सुरूरमें हूँ l
तुम सिर्फ मेरे हो और,
मैं इसी गुरूरमें हूँ ll

7540
होशवालोंक़ो ख़बर,
बेख़ुदी क़्या चीज़ हैं...?
इश्क़ क़िज़े फिर समझिये,
बंदगी क़्या चीज़ हैं.......?

9 May 2021

7531 - 7535 दिल ज़लवे गुरूर नाम होश तलाश हुस्न शायरी


7531
ज़हाने-रंगो-बूमें,
क़्यों तलाशे-हुस्न हो मुझक़ो...
हज़ारों ज़लवे रख्शिंदा हैं,
मेरे दिलक़े पर्देमें.......
                      शक़ील बदायुनी

7532
तेरे हुस्नक़ो परदेक़ी,
ज़रुरत ही क़्या हैं...?
क़ौन होशमें रहता हैं,
तुझे देखनेक़े बाद...!!!

7533
तुम अपने हुस्नक़े दफ्तरमें,
क़ोई नोक़री दे दो...
मेरे सरक़ार क़ाफी दिनोंसे,
हम बेक़ार बैठे हैं.......

7534
गुरूर हुस्नपें इतना ही क़र,
बुरा लगे;
तू सिर्फ़ हुस्नक़ी देवी लगे,
खुदा लगे...ll

7535
वो ज़िसक़े सेहनमें,
क़ोई गुलाब खिल सक़ा...
तमाम शहरक़े बच्चोंसे,
प्यार क़रता था...
चौराहोंक़ा तो,
हुस्न बढ़ा शहरक़े मगर...
ज़ो लोग नामवर थे,
वो पत्थरक़े हो गए.......

8 May 2021

7526 - 7530 दिल दर्द इश्क़ ज़िन्दगी बहाना क़त्ल हुस्न शायरी

 

7526
तिरा हुस्न भी बहाना...
मिरा इश्क़ भी बहाना...
ये लतीफ़ इस्तिआरे,
समझ सक़ा ज़माना.......!
                       ज़मील मज़हरी

7527
रास्तेक़े ज़िस दियेक़ो,
समझते थे हम हक़ीर...
वो दिया घरतक़ पहुँचनेक़ा,
बहाना बन गया.......!!!
अहमद फ़राज़

7528
उठाया उसने बीड़ा क़त्लक़ा,
क़ुछ दिलमें ठाना हैं...
चबाना पानक़ा भी,
ख़ूँ बहानेक़ा बहाना हैं...
                      मर्दान अली खां राना

7529
चल आज़ तू मुझे,
अपना रहनुमा बना दे...!
इसी बहाने मेरी ज़िन्दगी भी,
ख़ुशनुमा बना दे.......!!!

7530
हाँ ये सच है कि,
मैं बहुत मुस्कुराता हूँ...
पर इसी बहाने अपने,
दर्दक़ो छुपाता हूँ.......

7 May 2021

7521 - 7525 दिल दर्द लफ़्ज हालात ऐतबार वादा बहाना शायरी

 

7521
फ़िर ना होगा क़भी,
ऐतबार मुझे वादोंपें...
यहाँ लोग लफ़्ज बदल लेते हैं,
हालातक़े बहाने.......

7522
घर बदलना तो,
बहाना हैं...
बहाना क़रक़े अंदर अंदरहीसे,
इंसान क़हाँ ज़ाता हैं.......?
शाहीन अब्बास

7523
ना सीख़ पाए,
तो बस इतना...
अपने दिलक़ो ख़ुश क़र,
औरोंक़े दिलक़ो दुखाना...

7524
या क़ोई दर्द,
या ख़ुशियोंक़ा ख़ज़ाना ढूँढो l
दिलक़े बहलानेक़ा,
क़ोई तो बहाना ढूँढो ll

7525
सीख़ गए हम भी,
अपने दर्दक़ो छुपाना...
सीख़ गए हम भी,
बहाना बनाना.......!

6 May 2021

7516 - 7520 ज़िन्दगी ज़ीस्त तलाश इशारे मुस्कुराना आशिक़ी हिज़्र मौत बहाना, बहाने शायरी

 

7516
मुस्कुरानेक़क़े बहाने,
ज़ल्दी ख़ोज़ो...
वरना ज़िन्दगी रूलानेक़े,
मौक़े तलाश लेगी.......

7517
क़िसीक़े एक़ इशारेमें,
क़िसक़ो क्या मिला...
बशरक़ो ज़ीस्त मिली,
मौतक़ो बहाना मिला...
फ़ानी बदायुनी

7518
भूल तो ज़ाऊँ उसे मगर,
फ़ि ज़िन्दगीक़ा,
क़ोई बहाना ना रहेगा.......

7519
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री
तेरे हिज़्रक़े सहारे
मेरी मौतक़ो भी प्यारे
क़ोई चाहिए बहाना

7520
आशिक़ी क्या हैं,
सच जो पूछो तो...
हमक़ो मरनेक़ा,
इक़ बहाना मिला.......
      सफ़ी औरंगाबादी