9 October 2016

608 मोहब्बत खामोश आँखो बात रात दिन ख़यालो शायरी


608

Khayal, Memory

जब खामोश आँखोसे बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बतकी शुरुआत होती हैं,
तुम्हारे ही ख़यालोमें खोए रहते हैं,
पता नहीं कब दिन,
और कब रात होती हैं…

When Silent Eyes starts Communicating,
This is the way Love Starts,
I am always Lost in your Memories,
I never knew When is the day,
and when Night arrives...

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