19 October 2016

648 मसरूफ मोहताज़ तन्हा रिश्ते फुर्सत तवज्जो अंदाज़ शायरी


648

Tawajjo, Attention

मसरूफ रहनेका अंदाज़,
तुम्हें तन्हा ना कर दे ग़ालिब...
रिश्ते फुर्सतके नहीं,
तवज्जोंके मोहताज़ होते हैं...

Your style of being Occupied
Should not make you Lonely Ghalib,
Relations are seeking
Attention not Free Time...

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