20 October 2016

651 ज़िंदगी लम्हा साथ कमबख्त काबिल भरोसा शायरी


651

Bharosa, Certainty

जो लम्हा साथ हैं,
उसे जी भरके जी लेना ,
कमबख्त ये ज़िंदगी,
भरोसेके काबिल नहीं होती...

Live the Life at the Fullest,
In the live Moment,
Damned this Life,
Is not capable for Certainty...

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