3 October 2016

589 अकेले शामिल नजरें मुस्करा जुर्म शायरी


589

Jurm, Crime

अकेले हम ही शामिल नहीं हैं,
इस जुर्ममें जनाब...
नजरें जब भी मिली थी,
मुस्कराये तुम भी थे।......

Not only me alone Involved
In Violation Man,
When there was an Eye Contact
You also had Smiled.......

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