3 October 2016

590 बगैर पलगुजारा शख्स सितम शायरी


590

Seetam, Extremity

बगैर जिसके एक पल भी,
गुजारा नहीं होता...
सितम देखिए, हीं शख्स,
हमारा नहीं होता...

Without Whom One Moment Even
Not have Passed,
See the Extremity, That Person
Does not belong to Us...

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