9 October 2016

606 ज़िंदगी हरपल उदास सपना आस मंज़िल पास यकीन शायरी


605

Yakin, Belief

सपनोंकी मंज़िल पास नहीं होती;
ज़िंदगी हरपल उदास नहीं होती;
ख़ुदापें यकीन रखना मेरे दोस्त;
कभी-कभी वो भी मिल जाता;
हैं जिसकी आस नहीं होती…

Destiny of Dreams are never so near;
Life is not always Upset;
Believe in Yourselves my Friend;
Sometimes you get;
Which is not Expected even...

No comments:

Post a Comment