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Pahechan, Recognition
जब भी उनकी
गलीसे गुज़रता
हूँ;
मेरी आँखें एक दस्तक
दे देती हैं;
दुःख ये नहीं,
वो दरवाजा बंद
कर देते हैं;
खुशी ये हैं,
वो मुझे अब
भी पहचान लेते
हैं !
Whenever I pass through her Lane;
My eyes gives a Knock;
I am not upset, As she Closes the Door;
Its a Pleasure that She Recognises me now even !
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