3 October 2016

587 दिल हिम्मत हजार मुकम्मल हसरत धड़कता बोझ शायरी


587

Boz, Bordon

हजारों ना-मुकम्मल,
हसरतोंके बोझ तले...
दिल, तेरी हिम्मत हैं,
जो तू धड़कता हैं......

Under the Burden of, 
Thousands of Unfulfilled Wishes...
Oh Heart, I Praise you Daring,
That you Beats.......

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