28 October 2016

680 चाहत सिला शिकवे दरकिनार मुस्कुरा शायरी


680

Shikawa, Complaint

हमारी चाहतोंका,
कुछ यूँ सिला दीजिये...
शिकवे दरकिनार कर,
मुस्कुरा लीजिये l
Of my Wanting
Give some Response,
Ignoring Complaints,
Just Give me a Smile.

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